यह भी पढ़ें
पाइपलाइन के बाद अब बिजली तार अंडरग्राउंड करने फिर खोदेंगे सड़क
कई दिनों तक धरना-प्रदर्शन के बाद पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने पूरे मामले को न्यायालय में चुनौती दी है। परंतु उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं हुई। (Raipur News) न ही कोई फैसला आया है। वहीं दूसरी तरफ स्मार्ट सिटी के फंड से बिना प्लानिंग करोड़ों रुपए के कार्य कराने और भ्रष्टाचार होने के मुद्दे पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री से शिकायत की गई थी, (Raipur News Today) जिसकी जांच सेंट्रल की चार सदस्यीय टीम रायपुर आई और चार दिनों तक जांच-पड़ताल की परंतु वह रिपोर्ट अभी सामने नहीं आई। यह भी पढ़ें
मंत्री कवासी लखमा ने किया मक्का प्रोसेसिंग प्लांट निरीक्षण,किसानों ने कही ये बातें देखें Video
सेंट्रल की जांच रिपोर्ट का भी इंतजार नहीं अभी तक कोई भी निर्माण कराकर रायपुर स्मार्ट सिटी कंपनी हैंडओवर निगम को करती थी। जैसे कि जवाहर मार्केट का व्यावसायिक कांप्लेक्स। (CG News) दुकानों को बेचने, लीज पर देने की प्रक्रिया निगम के बाजार विभाग से हुआ। लेकिन 60 स्टॉलों की चौपाटी निगम को नहीं सौंपी। न ही कोर्ट में दाखिल याचिका और न ही सेंट्रल की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया गया। बल्कि स्मार्ट सिटी के कार्यपालन अभियंता पंकज कुमार पंचायती के अनुसार 1 जून को चौपाटी संचालन के लिए एजेंसी तय करने का टेंडर जारी किया गया है। (CG News Today) 22 जून तक एजेंसियों टेंडर फार्म जमा कर सकेंगी। अधिक रेट वाली एजेंसी ठेका फाइनल होगा। यह भी पढ़ें
पंडरी मार्केट में हुआ बड़ा खुलासा, बड़े व्यापारी करते थे ये काम, पुलिस ने की दबीश
अफसरों से कोई चर्चा नहीं हुई साइंस कॉलेज चौपाटी को लेकर स्मार्ट सिटी के अफसरों से अभी कोई चर्चा नहीं हुई है। न ही एजेंसी तय करने संबंधी टेंडर जारी करने की जानकारी है। – अरविंद शर्मा, अपर आयुक्त, बाजार विभाग, निगम चौपाटी निर्माण से लेकर सभी प्रक्रिया नियम विरुद्ध है। सभी काम मनमानी तरीके से किए जा रहे हैं। कोर्ट में याचिका लंबित है। सेंट्रल की जांच रिपोर्ट भी नहीं आई। इसके बावजूद टेंडर जारी करना अवमानना का मामला है। जिसे चुनौती देंगे।
– राजेश मूणत, पूर्व मंत्री