साथ ही उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा। मुझे इसके बारे में कुछ नहीं मालूम है। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आगे चल रहीं भरतपुर सोनहत से नवनिर्वाचित प्रत्याशी रेणुका सिंह ने कहा, पूर्ण बहुमत की सरकार बन रही है। लिहाजा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कमल फूल छाप का ही विधायक बैठेगा। सरकार जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेगी।
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पार्टी की सभी घोषणाओं को पूरा करेंगे उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ को 5 साल में जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करने के साथ-साथ हमारी पार्टी ने जितनी भी घोषणाएं की हैं। सारे संकल्पना को पूरा करेंगे। साथ ही उन्होंने भाजपा सरकार की प्राथमिकता गिनाते हुए कहा, हम महिला को केंद्र बिंदु मानकर काम करेंगे। हमारी सरकार में महिलाओं के लिए बहुत अच्छे काम किए जाएंगे।
मेरे क्षेत्र का विकास ही मेरी पहली प्राथमिकता रेणुका सिंह ने कहा, महिला सांसद हूं। सांसद होने के नाते प्रधानमंत्री की कैबिनेट में काम कर रही हूं। विधायक के रूप में जनता से आशीर्वाद मिला, मेरी पहली प्राथमिकता है कि मेरे क्षेत्र का विकास हो। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री ने विजन 2047 तक देश को सबसे सशक्त राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। छत्तीसगढ़ इस संकल्प से वंचित न हो जाए, उसे पूरा करने का अधिकार जनता ने दिया है।
2018 में कांग्रेस ने झूठ बोलकर वोट लिया था 2018 में कांग्रेस ने महिलाओं के साथ झूठ बोलकर वोट लिया था। जहां-जहां भाजपा की सरकार है, वहां महिला को केंद्र बिंदु मानकर काम किया जाता है। प्रधानमंत्री ने महिलाओं को केंद्र बिंदु बनाकर काम किया है।
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2018 में निर्वाचित विधायकों की सदस्यता खत्म, हारे विधायकों आवास खाली करने का नोटिस विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके साथ ही 2018 में निर्वाचित हुए सभी विधायकों की विधायकी खत्म हो गई है, इनमें जो इस बार चुनाव नहीं जीते हैं अब वे पूर्व विधायक की श्रेणी में आ गए हैं। उन्हें मिल रही सभी तरह की सुविधाएं समाप्त कर दी गई हैं। हारने वाले सभी विधायकों को विधायक आवास खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है।
बता दें कि 3 दिसंबर को परिणाम आने के बाद भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। अभी वे राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं। बघेल के इस्तीफे के दूसरे ही दिन विधानसभा के विघटन की अधिसूचना जारी कर दी गई है।
50 से अधिक विधायकों को आवास खाली करने नोटिस जानकारी के अनुसार 2018 में चुने गए पक्ष और विपक्ष के 50 से ज्यादा विधायकों को राजधानी में आवंटित विधायक आवास खाली करने का निर्देश जारी कर दिया गया है। वहीं मकान अब नए विधायकों को आवंटित किया जाएगा। इधर, सिविल लाइन स्थित मंत्रियों के आवास भी खाली होने शुरू हो गए हैं। बता दें कि मंगलवार को मंत्री मोहम्मद अकबर ने सबसे पहले अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है। कुछ पूर्व मंत्री अभी बंगाला खाली करने के मूड में नहीं है, इस वजह से उन्होंने बंगले के बाहर पूर्व मंत्री लिखा दिया है।