कोल इंडिया के निदेशक वित्त संजीव सोनी ने आठ कोल कंपनियों के सीएमडी एवं निदेशक वित्त को पत्र भेजा है। इनमें एसईसीएल, सीएमपीडीआई, ईसीएल, बीसीसीएल, डब्ल्यूसीएल, एमसीएल, एनसीएल शामिल हैं। पत्र में उल्लेख किया गया है कि कोविड 19 के चलते देश में हालात ठीक नहीं है। देश कठिन दौर से गुजर रहा है। इसलिए खर्च में कटौती करने की बाध्यता हो गई है।
कोयला उत्पादन पर असर
केंद्र सरकार ने कोयला क्षेत्र वाणिज्यिक खनन के लिए खोला है जिसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि कंपनी अपनी दक्षता में सुधार करें। साथ ही साथ लचीला प्रतिस्पर्धी और आगे रहने के लिए उत्पादन की लागत को कम करना है। लॉकडाउन के कारण देश की ऊर्जा मांग में प्रत्यक्ष वृद्धि हुई। कोयला की मांग पर असर हुआ है। यह उतार-चढ़ाव वर्ष 2020-21 कम होगा। यहां तक कि पोस्ट लॉकडाउन व्यापार हमेशा की तरह एक चुनौती होगी।
साधारण समय में असाधारण उपायों की आवश्यकता होती है। इस प्रकार सीआईएल के लिए यह अनिवार्य है कि वह अपनी लागत को कम करे ताकि मौजूदा उतार-चढ़ाव उत्पादन की कुल लागत को पुन: प्राप्त करने में सक्षम हो सके। 10 वें वेतन समझौते में सात दिनों में सामान्य मजदूरी पर स्थिर अवकाश के साथ काम करने का प्रस्ताव पेश किया गया था। इसलिए सहायक कंपनियों की सभी इकाइयों में ओटी को कम करने के लिए पहल की जा सकती है।
यह ध्यान दिया जा सकता है कि 2020-21 के लिए राजस्व बजट को अंतिम रूप देने के दौरान ओवरटाइम खर्च को अगले साल 15 प्रतिशत तक कम करने का प्रस्ताव किया गया था। इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उत्पादन की लागत को कम करने के लिए ओवरटाइम, एक्सपेंसों को प्रभावी ढंग से नीचे भी लाया जाता है।