प्रदेश का एकमात्र सरकारी डेंटल कॉलेज राजधानी में स्थित है। जब कॉलेज की नई बिल्डिंग बनी तो लाइब्रेरी वाला हिस्सा 108 संजीवनी एक्सप्रेस के कॉल सेंटर चलाने वाले निजी एजेंसी को दे दिया गया था। चार साल पहले नई एजेंसी एंबुलेंस का संचालन कर रही है। तब से कॉलेज का यह बड़ा हिस्सा खाली है। यहां 10 साल पुराने फर्नीचर भी है, जिसे कॉलेज ने हैंडओवर ले लिया है। इसके बाद लाइब्रेरी के लिए डिजाइन बनाया जाएगा। एक तरह से पुरानी एजेंसी ने यहां काफी मात्रा में कबाड़ छोड़ दिया था।
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कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि वर्तमान में लाइब्रेरी कॉलेज बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर में है। छात्रों के हिसाब से यह काफी छोटी है। दरअसल कॉलेज में बीडीएस के 100, एमडीएस के 20 व इंटर्न के 100 छात्र हैं। इस लिहाज से नई लाइब्रेरी की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। वर्तमान लाइब्रेरी हटाने के बाद वहां पर एग्जाम हॉल बनाया जाएगा। जहां बीडीएस व एमडीएस की परीक्षा होगी। डेंटल काउंसिल आफ इंडिया के अनुसार कॉलेज में बड़ी लाइब्रेरी जरूरी है। छोटी लाइब्रेरी पर हर साल आपत्ति भी आती रही है। बड़ी लाइब्रेरी मिलने से कॉलेज प्रबंधन को राहत मिलेगी। इससे एमडीएस की सीटों को बढ़ाने का भी मौका मिलेगा। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीरेंद्र वाढेर ने बताया कि काफी मात्रा में कबाड़ था। इसे सीजीएमएससी के माध्यम से नष्ट करवाया जा रहा है।