रायपुर

डबल अटैक: टिकट बनाओ या कैंसिल करवाओ, रेलवे एेसे काट रहा यात्रियों की जेब

रेलवे भले ही यात्री सुविधाओं का दावा करता है, लेकिन हजारों यात्रियों को खुलेआम दोहरे टैक्स की चपत लगा रहा है। चाहे ई-टिकट हो, काउंटर रिजर्वेशन टिकट।

रायपुरDec 25, 2017 / 10:28 am

Ashish Gupta

काम की खबर: टिकट बनाओ या कैंसिल करवाओ, रेलवे एेसे काट रहा यात्रियों की जेब

रायपुर . रेलवे भले ही यात्री सुविधाओं का दावा करता है, लेकिन हजारों यात्रियों को खुलेआम दोहरे टैक्स की चपत लगा रहा है। चाहे ई-टिकट हो, काउंटर रिजर्वेशन टिकट जारी करने के वक्त या फिर कैंसिल कराने पर, दोनों तरफ से 5 प्रतिशत टैक्स के रूप में वसूली की जा रही है। हैरानी की बात यह है कि मुसाफिर रेलवे की इस वसूली प्रक्रिया का कड़ाई से विरोध नहीं कर पाते हैं। इसी का फायदा उठाकर रेलवे प्रशासन दोहरे टैक्स के रूप में रेलवे खजाने की भरपाई कर रहा है।
रेलवे के टिकट आंकड़े के अनुसार हर दिन 30 हजार से अधिक ई-टिकट और काउंटर रिजर्वेशन टिकट बनता है। जबकि 19 से 20 हजार जनरल टिकट पर मुसाफिर सफर करते हैं। यदि कोई यात्री अपने दो परिवार के साथ रायपुर से बिहार जाने वाली ट्रेन के थर्ड एसी श्रेणी का ई-टिकट लेता है तो उससे जीएसटी के रूप में 97.75 रुपए लिया जाता है और इसी ई-टिकट को किसी कारणवश कैंसिल कराने की स्थिति में भी कैंसिलेशन अमाउंट राशि में से पांच प्रतिशत के हिसाब से 27 रुपए जीएसटी की वसूली की जाती है। एेसी ही स्थिति काउंटर रिजर्वेशन टिकट में भी है। टिकट लेने और कैंसिल कराने पर 5 प्रतिशत टैक्स के रूप में यात्रियों से लिया जा रहा है। जबकि रेलवे के जानकारों का मानना है कि एक पीएनआर पर केवल एक बार ही टैक्स लिया जाना चाहिए, लेकिन रेलवे बोर्ड ने अपने सिस्टम में दोनों हाथों से टैक्स वसूली का फंडा अपना लिया है।

हर दिन 22 हजार से अधिक ई-टिकट पर सफर
आईआरसीटीसी के बिलासपुर जोन में पदस्थ अफसरों की मानें तो हर दिन 20 से 22 हजार से अधिक यात्री ई-टिकट पर सफर करते हैं। वहीं, रायपुर रेल मंडल के काउंटर रिजर्वेशन टिकट का आंकड़ा हर दिन का 8 से 10 हजार से अधिक है। इनमें एक पीएनआर टिकट पर दो से तीन परिवार रायपुर जंक्शन के दोनों तरफ की आने-जाने वाली एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों में सफर करते हैं।

ऐसे सामने आया मामला
रायपुर निवासी सुमन कुमारी ने साउथ बिहार एक्सप्रेस के थर्ड एसी का ई-टिकट पीएनआर नंबर 6507913699 से तीन टिकट 3 हजार 975 रुपए में लिया। इस टिकट पर जीएसटी के रूप में 98.75 रुपए लिया गया है। जब उन्होंने अपनी यात्रा स्थगित करते हुए टिकट कैंसिल कराया तो कैंसिलेशन चार्ज के रूप में 570 रुपए के साथ ही 27 रुपए जीएसटी शुल्क की भी कटौती की गई। इस पर उनकी नजर पड़ी तो वह हैरान रह गई।

कैंसिलेशन में सबसे अधिक चपत
रेल अफसरों के अनुसार रायपुर जंक्शन से हर दिन 130 से अधिक गाडिय़ों का आना-जाना होता है। रोजाना बनने वाले ई-टिकट और काउंटर रिजर्वेशन टिकट में से 1000-500 के आसपास दोनों श्रेणियों के टिकट कैंसिल किए जाते हैं। इस तरह महीनेभर में हजारों यात्रियों को दोहरे जीएसटी की मार पड़ रही है।

बिलासपुर जोन आईआरसीटीसी के पीआरओ राजेंद्र बर्मन ने कहा कि आईआरसीटीसी का ई-टिकट जारी करने का जो सिस्टम है, वह पूरे देश में लागू है। उसी के हिसाब से ही टिकट जारी और कैंसिलेनशन के रूप में जीएसटी शुल्क वसूला जा रहा है। स्थानीय स्तर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है।
पीआरएस मुख्य पर्यवेक्षक कोंडल राव ने कहा कि रेलवे बोर्ड से काउंटर रिजर्वेशन टिकट के लिए सिस्टम लागू है, उसी के अनुसार जारी और कैंसिलेशन टिकट में जीएसटी शुल्क निर्धारित है। अलग से किसी यात्री से नहीं लिया जाता है।

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