सभापति पत्नी के साथ नाश्ता-खाना बता दें कि हत्या के आरोपी डॉ. आनंद राय ने तीन साल पहले पूर्व मंत्री डीपी धृतलहरे की बेटी नेहा मनहरे और नातिन पीहू की हत्या कर दी थी। इसके बाद से आरोपी रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है। मामला शनिवार का है। सुबह ठीक 10 बजे दो बंदियों को जेल से लेकर जेल प्रहरी डेंटल कॉलेज पहुंचे। पत्रिका टीम मौके पर ही थी। डेंटल कॉलेज में ओपीडी पर्ची कटाने के बाद दोनों की हथकड़ी खोल दी गई। इसके बाद डॉ. आनंद राय ओपीडी क्रमांक 4 में गए और पांच मिनट में वापस आकर कक्ष क्रमांक 3 के सामने लगी कुर्सी पर बैठ गए। यहां उनकी पत्नी जिला पंचायत सभापति दुर्गा राय पहुंचीं। दोपहर करीब 1 बजे तक पति-पत्नी यहां बैठे रहे। इस दौरान आरोपी को मोबाइल उपलब्ध कराया गया। बाहर से नाश्ता और खाना लाकर दिया गया।
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साले की पत्नी और बच्ची की हत्या का आरोपी : डॉ. आनंद राय का पहले से राजनीतिक बैक ग्राउंड है। उसने अपने साले की पत्नी और बच्ची की निर्मम हत्या की थी। उसने अपने भाई के साथ मां-बेटी की पहले गला घोट कर हत्या की। फिर टब में पानी भर कर डुबाया और पलंग के बॉक्स में शव रख दिया। आरोप है कि उसने यह हत्या अपने साले को फंसा कर प्रॉपर्टी हथियाने के लिए की थी। दूसरे बंदी की भी मौज दूसरा बंदी जिसने खुद का नाम पवन सिंह बताया, उसे फर्स्ट फ्लोर पर ओपीडी के सामने बैठा दिया गया। जेल प्रहरी ने उसे मोबाइल उपलब्ध करा दिया। कुछ ही देर में एक परिजन उसके लिए होटल से खाना लेकर पहुंचा। पवन सिंह सुबह 10 से लेकर 1 बजे तक अपने परिजन के साथ उसी परिसर में बिना हथकड़ी के घूमता रहा। सूत्रों का कहना कि जेल में भी इसे अन्य सुविधाएं मिल रही हैं। यह जेल में हर माह लंगर भी करवाता है। इसके अलावा हर माह दो-तीन बार अस्पताल आता-जाता है। मामले को जब पत्रिका ने रेकॉर्ड किया तो मौके पर मौजूद सिपाही देवेंद्र राठिया मोबाइल छीनने की कोशिश करने लगा।
महीने में दो बार इलाज 15 दिन पहले ही पत्रिका को सूचना मिली थी कि हत्या का आरोपी आनंद राय डेंटल कॉलेज पहुंचा है। सूत्रों ने बताया कि वह हर माह में दो बार डेंटल कॉलेज इलाज के बहाने पहुंचता है। इलाज के नाम पर सिर्फ टूथपेस्ट दिया जाता है। पत्रिका टीम ने मौके पर आरोपी को देखा तो उसके पास एक सेविंग किट भी थी। जिसे वह जेल ले जाने की फिराक में था। हालांकि कैमरे में रेकॉर्डिंग होने की खबर मिली तो किट को गायब कर दिया गया।
जेल से कैदियों को अस्पताल ले जाने वाले सिपाहियों पर कार्रवाई की जाएगी। कैदियों को इस तरह सुविधा देना उचित नहीं है। आगे ऐसी गलती नहीं हो, इसके लिए निर्देश दिए गए हैं। -राजेश मिश्रा, डीजी, जेल