विद्यार्थी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी पढ़ाई कर सकेंगे। पढ़ाई की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए नियमित अध्यापकों के अलावा विवि में विजिटिंग प्रोफेसर, प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस और एडजंट फैकल्टी की नियुक्ति भी की जाएगी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल की अध्यक्षता में आयोजित विद्या परिषद की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिए गए।
यह भी पढ़ें
New rule in Medical Colleges: MBBS छात्र इंटर्नशिप के लिए अब नहीं बदल पाएंगे मेडिकल कॉलेज, लागू हुआ ये नया नियम
सात वर्ष में पूर्ण करनी होगी स्नातक की उपाधि
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के तहत संचालित स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम बीएससी (आनर्स) कृषि, बीटेक कृषि अभियांत्रिकी और बीटेक खाद्य प्रौद्योगिकी में इसे लागू किया जाएगा। एनईपी के तहत स्नातक पाठ्यक्रम में विद्यार्थी प्रथम वर्ष वं द्वितीय वर्ष में यदि पाठ्यक्रम स्तर की पढ़ाई छोडऩा चाहे, तो उन्हें इसकी अनुमति होगी और इसके साथ उन्हें 10 सप्ताह का इंटर्नशिप कोर्स करने के साथ प्रथम वर्ष के उपरान्त सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। यदि वह द्वितीय वर्ष के बाद पाठ्यक्रम की पढ़ाई से बाहर होता है, तो इसी अवधि की इंटर्नशिप करने पर डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा। ऐसे विद्यार्थी इस तरह के सर्टिफिकेट-डिप्लोमा प्राप्त कर स्व-रोजगार या रोजगार का कार्य कर सकते हैं। रोजगार शुरू करने के बाद भी विद्याथीZ आगे की पढ़ाई जारी करना चाहते हैं तो वे पुन: अपने स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं, परन्तु यह अवधि उनके प्रवेश लेने के व स्नातक उपाधि पूर्ण करने के सात वर्ष से अधिक नहीं होगी।
यहाँ उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन को दर्शाने वाला अद्यतन डेटा चार्ट दिया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है, जो शैक्षणिक सत्र 2024-25 में नीति को लागू करेगा। हरी पट्टियाँ नीति को लागू करने वाले राज्यों को दर्शाती हैं, जबकि लाल पट्टियाँ इसे लागू नहीं करने वाले राज्यों को दर्शाती हैं।