गांव के पूर्व सरपंच बाबू खान ने मंदिर समिति के सदस्य के रुप में स्वतंत्रता दिवस के दिन 15 अगस्त 1973 को शिव मंदिर की स्थापना की थी। उनके निधन के बाद भी मंदिर की जिम्मेदारी से यह परिवार पीछे नहीं हटा। उनका बेटा गफूर खान आज मंदिर के जीर्णोद्धार जुटा है। गफूर और उनके साथियों ने विधायकों से मिल कर १५ लाख रुपए इसके लिए जुटा लिया है। करीब 50 साल पहले बाबू खान का परिवार चरोदा में आया, तब से उनका परिवार कास्तकारी कर रहा है। गांव और लोगों के प्रति उनका सर्मपण देख कर ग्रामीणों ने उन्हें पहले पंच बनाया, फिर उप सरपंच। बाद में उन्होंने सरपंच के पद पर 1960 से 1985 तक अपनी जिम्मेदारी निभाई। उन्होंने 20 अक्टूबर 1985 को जब अतिम सांस ली तब भी वो सरपंच का पदभार संभाल रहे थे।