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MBBS Counselling 2024: इस साल विद्यर्थियों के लिए खास
पिछले साल कॉमन काउंसिलिंग नहीं हो पाई इसलिए प्रदेश में एनआईसी से काउंसिलिंग करानी पड़ी। एनआईसी ने कई गड़बड़ियां की इसलिए काउंसिलिंग कमेटी ने डीएमई से उनसे काउंसिलिंग नहीं कराने कहा है। नए सत्र के लिए नई दिल्ली से काॅमन काउंसिलिंग होगी या नहीं, इस पर एनएमसी (MBBS Counselling 2024) अभी तक निर्णय नहीं ले सका है। इसलिए राज्यों की तैयारियां पर सभी डीएमई से ऑनलाइन मीटिंग की जा रही है। डीएमई कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि नवा रायपुर के सेक्टर 19 स्थित कार्यालय में मोबाइल नेटवर्क बहुत कमजोर है। नेटवर्क आते-जाते रहता है इसलिए कई बार मोबाइल पर भी बात नहीं हो पाती। अगर कॉमन काउंसिलिंग नहीं होती तो डीएमई कार्यालय खुद आईटी सेल से प्रवेश की प्रक्रिया पूरी करेगा। काउंसिलिंग कमेटी ने ऐसा कराने के लिए पहले ही कह चुका है। प्रदेश में 10 सरकारी व 3 निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 1910 सीटें हैं।
वहीं, एक सरकारी व 5 निजी डेंटल कॉलेजों में बीडीएस की 600 सीटें हैं। नवा रायपुर स्थित एक निजी मेडिकल कॉलेज को एमबीबीएस की 150 सीटें मिलने की संभावना है। इससे एमबीबीएस की सीटें बढ़ जाएंगी। इससे कट ऑफ मार्क्स भी गिरेगा। इसका फायदा छात्रों को होगा।
MBBS Counselling 2024: 23 जून को दोबारा होगी नीट, इसलिए काउंसिलिंग में देरी
23 जून को देशभर के 1563 छात्रों के लिए नीट दोबारा होगी। सुप्रीम कोर्ट में मामले में हुई सुनवाई के बाद केंद्र ने यह तय किया है। रिजल्ट 30 जून या इससे पहले घोषित कर दिया जाएगा। काउंसिलिंग 6 जुलाई से प्रस्तावित है, लेकिन इसमें देरी होना तय है। दरअसल, कॉमन काउंसिलिंग नहीं होने पर छत्तीसगढ़ की मेरिट सूची के लिए डीएमई कार्यालय को इंतजार करना होगा। रिजल्ट निकलने के 15 से 20 दिनों में एक सीडी मिलती है। इसमें छत्तीसगढ़ से क्वालिफाइड छात्रों की पूरी सूची रहती है। हालांकि, इसमें मेरिट सूची नहीं रहती। मेरिट सूची (MBBS Counselling 2024) ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वाले छात्रों से बनती है। इसलिए छत्तीसगढ़ में नीट टॉपर कौन है, यह कहना काफी मुश्किल होता है।