इस दौरान उपसंचालक का अभियोजन मिथिलेश वर्मा ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी की महादेव सट्टा प्रकरण में संलिप्तता मिली है। उसके द्वारा महादेव सत्ता के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और सिंडिकेट में शामिल अन्य लोगों के निर्देश पर प्रोटेक्शन मनी को पुलिसकर्मियों एवं रसूखदार लोगों को पहुंच जाने के इनपुट मिले हैं। कैसे देखते हुए पूछताछ के लिए रिमांड पर लेने की जरूरत है।
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11 बैंक खातों से करीब 2 करोड रुपए फ्रीज
साथ ही उसकी निशानदेही पर प्रकरण से संबंधित दस्तावेजों को जब्त किया जाना है। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने इसका विरोध करते हुए कहा कि जांच एजेंसी द्वारा लगाए गए आरोप झूठे हैं। उसका सट्टा प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं है। इस प्रकरण में ईडी पहले ही पूछताछ करने के बाद रिहा कर चुकी है। दोबारा इस प्रकरण में गिरफ्तार कर ईओडब्ल्यू द्वारा रिमांड पर लिया जा रहा है। विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 18 जुलाई तक के लिए रिमांड की स्वीकृति दी। बता दें की सहदेव को गिरफ्तार करने के बाद जांच एजेंसी ने उसके 11 बैंक खातों से करीब 2 करोड रुपए फ्रीज किया है। सट्टा की ब्लैक मनी से खरीदे गए इनोवा कार को भी जब्त किया है।
कोल स्कैम की सुनवाई 18 को होगी
कोल स्कैम मैं जेल भेजी गई निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर विश्नोई और राज्य सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी, संदीप नायक, शिवशंकर नाग, निखिल चंद्राकर, पारेख कुर्रे, राहुल सिंह, वीरेंद्र कुमार जायसवाल, शेख मोइनुद्दीन कुरैशी, रोशन कुमार सिंह, हेमंत जायसवाल और चंद्र प्रकाश जायसवाल की न्यायिक रिमांड पर सुनवाई हुई। इस दौरान उप संचालक अभियोजन ने बताया कि इस समय कोयला घोटाले की जांच चल रही है। इसलिए उक्त सभी की न्यायिक रिमांड को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया। विशेष न्यायाधीश ने इसे स्वीकार करते हुए उक्त सभी लोगों की न्यायिक रिमांड को 6 दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। इसकी अवधि पूरी होने पर अब 18 जुलाई को प्रकरण की सुनवाई होगी। बताया जाता है कि कोल स्कैम में 18 जुलाई को ईओडब्ल्यू अपने प्रकरण में चालान पेश करेगी।
कारोबारी दीपेश की जमानत खारिज
कारोबारी एवं कथित कृषक दीपेश के अग्रिम जमानत आवेदन को विशेष न्यायाधीश में खारिज कर दिया। गिरफ्तारी से बचने के लिए दीपेश ने जमानत आवेदन लगाया था। इसमें बताया गया था कि कोयला घोटाला से उसका कोई संबंध नहीं है। उसे झूठे मामले में फंसाया गया है। जबकि ईडी द्वारा दर्ज प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसे अंतरिम जमानत दी गई है। ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज प्रकरण में जमानत दिए जाने पर वह जांच में सहयोग करेगा। वहीं अभियोजन पक्ष ने इसका विरोध करते हुए अदालत को बताया कि जमानत दिए जाने पर गवाह और साक्ष्य प्रभावित हो सकते हैं। इस समय मामले की जांच चल रही है, इसलिए जमानत नहीं दिए जाने का अनुरोध किया। जिसे विशेष न्यायाधीश ने स्वीकार करते हुए जमानत आवेदन को खारिज कर दिया। इसी तरह कोल स्कैम में जेल भेजे गए किशन लाल वर्मा से पूछताछ करने रिमांड आवेदन लगाया गया है, इस पर 15 जुलाई को सुनवाई होगी।