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राज्य निर्माण के बाद राजनांदगांव लोकसभा सीट पर भाजपा लगातार जीत रही है, लेकिन 2007 के उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी। हालांकि इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा से यह सीट वापस छिन ली थी। बता दें कि वर्ष 2004 में यहां से प्रदीप गांधी सांसद चुने गए थे। इन पर आरोप लगा था कि पैसे लेकर संसद में प्रश्न पूछते हैं। इसके बाद गांधी की सदस्यता रद्द हो गई थी। उप चुनाव में यहां से दिवंगत देवव्रत सिंह ने चुनाव जीता था।
रायगढ़ लोकसभा सीट से आज तक किसी निर्दलीय उम्मीदवार ने चुनाव नहीं जीता है। यहां की जनता राजनीतिक दलों को महत्व देती है। वहीं रायगढ़ लोकसभा सीट की खास बात यह है कि इस सीट से छत्तीसगढ़ को दो मुख्यमंत्री मिले हैं। वर्ष 1998 में यहां से दिवंगत अजीत जोगी सांसद चुने गए थे। राज्य निर्माण के बाद वो प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने। वहीं विष्णुदेव साय रायगढ़ सीट से चार बार सांसद चुने गए। वर्तमान में वे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री है। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी वर्ष 1999 में राजनांदगांव से सांसद चुने गए थे।
छत्तीसगढ़ में कोरबा लोकसभा की सीट वर्ष 2009 के बाद अस्तित्व में आईं थी। यहां अब तक तीन बार लोकसभा के चुनाव हुए है। अन्य लोकसभा सीटों की तुलना में कोरबा लोकसभा सीट का पैटर्न अलग है। यहां पिछले तीन लोकसभा चुनाव में नजर डाले तो पहली बार यहां चुनाव में कांग्रेस, दूसरी बार भाजपा और तीसरी बार फिर कांग्रेस ने चुनाव जीता है। इस बार यहां कांग्रेस-भाजपा दोनों ने महिला प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा है।