आरोप दास के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि उसके पक्ष कर को झूठे मामले में फंसाया गया है। जबकि उसका इस रकम से कोई लेना-देना नहीं है और ना ही उसने किसी को नगदी रकम दी है। कोर्ट में आवेदन के साथ लिखे गए पत्र की प्रति पेश की गई । इस आवेदन और लिखे गए लेटर पर बचाव पक्ष और ईडी के अधिवक्ता के बीच बहस हुई। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अब इसकी सुनवाई 1 दिसंबर को होगी। बता दें कि, असीम दास का ईडी संचालक को लिखा एक कथित हस्तलिखित पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। असीम दास ने अपने करीब 10 पेज के पत्र में अपनी आप बीती बताई है। कथित पत्र में उसने शुभम सोनी उर्फ पिंटू और उसके साथियों द्वारा षडय़ंत्रपूर्वक फंसाए जाने की बात भी लिखा। साथ ही लिखा है कि उसके द्वारा किसी भी कांग्रेस के नेता या कार्यकर्ता को पैसे नहीं दिया गया है।
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अग्रिम जमानत के लिए लगाया आवेदन ईडी के अधिवक्ता सौरव पांडेय ने बताया कि न्यायिक रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद कोर्ट में आवेदन पेश कर अदालत को बताया कि इस समय प्रकरण की जांच चल रही है। इसलिए दोनों आरोपियों की न्यायिक रिमांड को बढ़ाई जाए। कोर्ट ने आवेदन को मंजूर करते हुए 7 दिन के न्यायिक रिमांड को मंजूरी दी है । वहीं महादेव ऐप में गिरफ्तार किए गए आरक्षक भीम सिंह के भाई सहदेव और अर्जुन यादव द्वारा अग्रिम जमानत के लिए जिला न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी की अदालत में आवेदन लगाया गया है। इस पर 25 नवंबर को सुनवाई होगी। बता दें कि 2 नवंबर को ईडी की टीम ने हाउसिंग बोर्ड जामुल में छापामार कार्रवाई की थी। यहां कार चालक असीम दास उर्फ बप्पा के घर और उसके पास से 5.39 करोड़ रुपए बरामद कर जब्त किया गया था। ईडी के राडार पर महादेव ऐप प्रकरण में असीम दास उर्फ बप्पा के साथ दुर्ग पुलिस में पदस्थ कांस्टेबल भीम सिंह भी ईडी के रडार पर है। जिसे ऑनलाइन सट्टा ऐप के नोटों के साथ टीम ने गिरफ्तार किया था। बताया जाता है कि महादेव ऐप में गिरफ्तार किए गए असीम और भीम सिंह से मिली जानकारी के आधार पर दर्जन भर पुलिसकर्मियों से पूछताछ बयान लिया जा रहा है। वहीं मिले इनपुट के आधार पर प्रकरण की जांच की जा रही है। वहीं इस प्रकरण में जेल भेजे गए सतीश चंद्राकर, अनिल और सुनील दम्मानी की 25 नवंबर को विशेष न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई होगी