श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर टाटीबंध के इस्कॉन मंदिर में सुबह 4.30 बजे की गई। 5 बजे तुलसी आरती हुई। फिर 5 बजे गुरु पुजा की परंपरा निभाई गई। सुबह 7.30 बजे से श्रृंगार दर्शन शुरू हुआ। शुभम सिंघल व राजेंद्र पारख ने बताया कि सुबह 8.30 बजे सिद्धार्थ स्वामी द्वारा श्रीकृष्ण की बाललीला का गुणगान किया गया। शाम 6 बजे से भजन संध्या शुरू हुई। रात 12 बजे महाआरती की गई। शुक्रवार को व्यास पूजा की जाएगी।
पुरानी बस्ती के गोपाल मंदिर में गुरुवार को जन्माष्टमी मनाई गई। इससे पहले शाम को यूपी से आई भजन मंडली ने भजन-कीर्तन किया। इस मौके पर भगवान का स्वर्ण श्रृंगार किया गया था। रात 12 बजते ही भगवान का जन्मोत्सव मनाया गया। इस दौरान महंत गोपाल शरणदेव ने भगवान की आरती की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर अपने भिलाई -3 निवास में धर्मपत्नी मुक्तेश्वरी बघेल तथा परिजनों के साथ भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री निवास में जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
रावतपुरा आश्रम में भी रही धूम श्री रावतपुरा सरकार आश्रम में जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनाई गई। सुबह सभा के बाद विभिन्न अनुष्ठान हुए। गुरु पादुका पूजन के बाद मां राजराजेश्वरी का दिव्य लक्ष्यार्चन अनुष्ठान हुआ। इसमें विभिन्न प्रकार के पुष्पों से मां का एक लाख अर्चन किया गया। महाराज ने कहा कि श्री कृष्ण समग्र हैं।
जवाहर नगर मेंराधा कृष्ण का प्राचीन मंदिर है। जुगलजोड़ी सरकार के दर्शन के लिए यहां भी बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ी। सुबह 8.30 बजे भगवान का दूध से अभिषेक किया गया। शाम 5.30 बजे से दर्शन के लिए लोग उमड़ने लगे थे। रात 12 बजे शानदार आतिशबाजी के बीच श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया।