bell-icon-header
रायपुर

एक ऐसे संत जो सभी धर्मो में पूजनीय… जानिए ब्रह्मलीन हुए जैन मुनि आचार्य विद्यासागर के बारे में

Aacharya VidhyaSagar Maharaj Samadhi: जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने शनिवार को देर रात अपना देह त्याग दिया। उन्होंने राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरी तीर्थ पर अंतिम सांस ली। वहीं आज दोपहर 1 बजे उनके अंतिम संस्कार की रस्म निभाई गई।

रायपुरFeb 18, 2024 / 04:32 pm

Khyati Parihar

Aacharya VidhyaSagar Maharaj Samadhi: जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने शनिवार को देर रात अपना देह त्याग दिया। उन्होंने राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरी तीर्थ पर अंतिम सांस ली। वहीं आज दोपहर 1 बजे उनके अंतिम संस्कार की रस्म निभाई गई। आचार्य विद्यासागर महाराज के अंतिम दर्शन के लिये डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी में बड़ी संख्या में उनके अनुयायियों जनसैलाब उमड़ पड़ा। महाराज के देह त्यागने से देशभर में शोक की लहर है।
बता दें कि तीन दिन पहले उन्होंने उपवास रखकर मौन धारण किया था। जिसके बाद से वो अस्वस्थ थे। आचार्य अंतिम सांस तक चैतन्य अवस्था में रहे और मंत्रोच्चार करते हुए देह का त्याग किया।
यह भी पढ़ें

जैन मुनि आचार्य विद्यासागर हुए ब्रह्मलीन, छत्तीसगढ़ में राजकीय शोक, PM मोदी ने ट्वीट कर जताया गहरा दुख

जानिए आचार्य के बारे में

– आजीवन चीनी का त्याग
– आजीवन नमक का त्याग
– आजीवन चटाई का त्याग
– आजीवन हरी सब्जी का त्याग, फल का त्याग, अंग्रेजी औषधि का त्याग,सीमित ग्रास भोजन, सीमित अंजुली जल, 24 घण्टे में एक बार 365 दिन
– आजीवन दही का त्याग
– सूखे मेवा (dry fruits)का त्याग
– आजीवन तेल का त्याग,
– सभी प्रकार के भौतिक साधनो का त्याग
– थूकने का त्याग
– एक करवट में शयन बिना चादर, गद्दे, तकिए के सिर्फ तखत पर किसी भी मौसम में।
– पुरे भारत में सबसे ज्यादा दीक्षा देने वाले
– एक ऐसे संत जो सभी धर्मो में पूजनीय
– पुरे भारत में एक ऐसे आचार्य जिनका लगभग पूरा परिवार ही संयम के साथ मोक्षमार्ग पर चल रहा है
– शहर से दूर खुले मैदानों में नदी के किनारो पर या पहाड़ो पर अपनी साधना करना
– अनियत विहारी यानि बिना बताये विहार करना
– प्रचार प्रसार से दूर- मुनि दीक्षाएं, पीछी परिवर्तन इसका उदाहरण,
– आचार्य देशभूषण जी महराज जब ब्रह्मचारी व्रत से लिए स्वीकृति नहीं मिली तो गुरुवर ने व्रत के लिए 3 दिवस निर्जला उपवास किआ और स्वीकृति लेकर माने
– ब्रह्मचारी अवस्था में भी परिवार जनो से चर्चा करने अपने गुरु से स्वीकृति लेते थे
और परिजनों को पहले अपने गुरु के पास स्वीकृति लेने भेजते थे ।
– आचार्य भगवंत जो न केवल मानव समाज के उत्थान के लिए इतने दूर की सोचते है वरन मूक प्राणियों के लिए भी उनके करुण ह्रदय में उतना ही स्थान है ।
– शरीर का तेज ऐसा जिसके आगे सूरज का तेज भी फिका और कान्ति में चाँद भी फीका है
– ऐसे हम सबके भगवन चलते फिरते साक्षात् तीर्थंकर सम संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्या सागर जी के चरणों में शत शत नमन नमन नमन
– हम धन्य है जो ऐसे महान गुरुवर का सनिध्य हमे प्राप्त हो रहा है
प्रधानमंत्री हो या राष्ट्रपति सभी के पद से अप्रभावित साधना में रत गुरुदेव हजारो गाय की रक्षा , गौशाला समाज ने बनाई।
यह भी पढ़ें

युवा ब्लॉगिंग के क्षेत्र में बना सकते है अपना करियर, फूड ब्लॉगर अली ने बताया यह आसान टिप्स…कर सकते है फॉलो

Hindi News / Raipur / एक ऐसे संत जो सभी धर्मो में पूजनीय… जानिए ब्रह्मलीन हुए जैन मुनि आचार्य विद्यासागर के बारे में

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.