इंट्रोडक्शन में थी डिटेल
एग्जाम हॉल में स्टूडेंट्स को हिंदी और अंग्रेजी में इंट्रोडक्शन पेपर दिए गए थे। इसमें क्वेशचन, नंबर, माइनस मार्र्किंग को लेकर डिटेल में इन्फर्मेशन दी गई थी। दोनों पेपर वन में मैथ्स, केमेस्ट्री और फिजिक्स से ५४-५४ सवाल पूछे गए। तीनों सबजेक्ट के तीन पार्ट थे।
कट ऑफ का पता आंसरशीट जारी होने के बाद ही चलेगा
ए क्सपर्ट रामानुजन ने बताया कि कुछ सवाल दोबारा क्लिक करने पर स्कीप हो गए। इससे माक्र्स प्रभावित होंगे। इंट्रोडक्शन में दिए ट्रंकेटेड और अप्रॉक्सीमेट को लेकर भी स्टूडेंट्स कन्फ्यूज रहे। २५ को आंसरशीट जारी होने के बाद ही कट ऑफ के बारे में कुछ कहा जा सकता है।
सुबह से लगी लाइन
फस्र्ट पेपर सुबह ९ बजे होने थे, इसके लिए 7 बजे से ही स्टूडेंट्स कतारबद्ध नजर आए। 7.40 से एंट्री दी जाने लगी। जबकि सेकंड पेपर 2 बजे होना था जिसके लिए एंट्री 12.40 से शुरू हो गई थी।
माइंड कूलिंग विद आइस्क्रीम
पेपर वन के बाद हिना मौर्य ने आइस्क्रीम से माइंड कूल किया। उन्होंने बताया, अभी सेकंड पेपर बाकी है। मैंने टिफिन लाया है लेकिन टेंशन की वजह से भूख गायब हो गई है। इसलिए आइस्क्रीम खा रही हूं।
आगे क्या
ओमएमआर शाीट का डिस्पले – इस महीने के आखिर या जून के पहले हफ्ते में
आंसर की- 29 मई
फीडबैक- 29-30 मई
रिजल्ट – 10 जून
पेपर -1 के बाद
श्रेया सिंह ने बताया कि फिजिक्स ने परेशान किया। सेक्शन एक और तीन में माइनस मार्किंग थी। जिसकी वजह से दिक्कत हुई। अमनजीत सिंह ने बताया कि ट्रिकल टाइप के सवाल नेे उलझाए रखा। जिस हिसाब से तैयारी थी उससे कहीं ज्यादा टफ सवाल पूछे गए। सु रेंद्र सिंह ने बताया कि जहां वे बैठे थे वहां गर्मी के कारण पेपर सॉल्व करने में दिक्कत हुई। फिजिक्स टफ रहा। सात सवाल छोडऩे पड़ गए। अंजली ने कहा फिजिक्स इजी रहा। ऑर्गेनिक सवाल लेंदी लगे। मैथ्स के सवाल सरल थे लेकिन कैल्कुलेशन में टाइम लग रहा था।अ दिति शाह ने कहा, केमेस्ट्री इजी रहा। माइनस मार्र्किंग के चलते कुछेक सवाल छोडऩे पड़े। ओवरऑल ठीक ही रहा। सृ जन द्विवेदी ने बताया, दो बार लाइट बंद रही। हालांकि इससे पीसी बंद नहीं हुआ। फिजिक्स टफ रहा। श्रेप्रांशुल गनवीर ने बताया, फिजिक्स बिगड़ गया जबकि तैयारी बहुत अच्छी थी। कुछ क्वेश्वन घुमावदार रहे। सोमेश धनकर, वीरेंद्र रात्रे,श्रेया सिहं, सृजन द्विवेेदी और सुरेंद्र सिंह ने भी एग्जाम को लेकर अपनी बात रखी।
पेपर -2 के बाद
ऋतुराज साहू ने बताया कि फस्र्ट में मैथ्स टफ गया जबकि सेकंड में फिजिक्स। दोनों पेपर्स के पैटर्न एक जैसे ही थी। सिर्फ थर्ड पार्ट में फर्क था। एक बार लाइट बंद रही करीब 5 मिनट तक, लेकिन कम्प्यूटर बंद नहीं हुआ। यादवेंद्र वर्मा ने बताया कि फस्र्ट पेपर में मैथ्स और सेकंड में फिजिक्स थोड़ा लेंदी था, लेकिन ओवरऑल एडवांस के हिसाब से पेपर ठीक थे। ऑनलाइन में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई। फस्र्ट पेपर में हर सबजेक्ट से पैराग्राफिक सवाल पूछे गए थे। सुमित जिंदल ने बताया कि उन्हें चश्मा लगा हुआ है। लंबे समय तक पीसी के सामने बैठने से आंख जलने लगी थी। ऑनलाइन एग्जाम में यही दिक्कत आई। दोनों पेपर के तीनों सबजेक्ट में कुछ एेसे सवाल थे जो काफी कैल्कुलेशन वाले थे। फस्र्ट इजी गया जबकि सेकंड में मैथ्स सरल रहा। यश प्रसाद ने बताया कि ऑनलाइन एग्जाम का फायदा यह था कि आप आंसर को चेंज कर सकते थे। रफ के लिए पेपर दिए गए थे, जबकि ऑफलाइन में क्वेश्चन पेपर में ही करना था। दोनों में पेपर के थर्ड सेक्शन में क्रमश: पैराग्राफिक और सही जोड़ी बनाओ पर आधारित सवाल थे। मुझे फस्र्ट पेपर में केमेस्ट्री और सेकंड में मैथ्स टफ लगा।लेकर आए थे टीशर्ट
एग्जाम देने आए स्टूडेंट्स ने बताया कि जितनी सख्ती नीट परीक्षा में बरती जाती है उतनी जेइइ एडवांस में नहीं। हालांकि अधिकांश विद्यार्थी गाइडलाइन के मुताबिक हाफ शर्ट पहने हुए थे, कुछ ने फूल शर्ट पहन रखी थी। इनमें से संदीप साहू ने बताया उन्हें मालूम था कि फूल शर्ट पर मनाही है इसलिए टीशर्ट लेकर आया था। हालांकि इस पर किसी ने ऑबजेक्शन नहीं लिया तो मैंने इसे ही पहने रखा।