कोरोना महामारी (Covid-19 In India) के शुरुआती दौर से रेलवे स्पेशल ट्रेनें ही चला रहा है। भले ही अब संक्रमण कम हुआ है। हर सेक्टर अनलॉक हो चुके हैं। फिर भी अगले 6 महीने और रेलवे कोरोना महामारी की शर्तें जारी रखने का निर्णय लिया है। पहले जैसा ट्रेनों के सामान्य परिचालन की सुविधा रेल यात्रियों को मिलने वाली नहीं है। क्योंकि रेलवे बोर्ड ने यह साफ कर दिया है। इसलिए वेटिंग टिकट लेकर सफर नहीं कर पाएंगे। केवल कंफर्म टिकट होने पर ही ट्रेनों में अनुमति होगी। चाहे दशहरा त्योहार हो या दिवाली। अफसरों का कहना है कि यात्रियों की संख्या बढऩे पर इन्हीं गाडिय़ों में अतिरिक्त कोच और पूजा स्पेशल के नाम से ट्रेनें चलाई जाएंगी। अभी रायपुर स्टेशन से होकर 100 के करीब ट्रेनें चल रही हैं। इनमें लोकल भी शामिल हैं।
सीनियर सिटीजंस को भी राहत नहीं
रेलवे 58 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं और 60 वर्ष से अधिक के पुरुष यात्रियों को किराए में राहत देते रहा है। जो कोरोनाकाल के डेढ़ साल से बंद कर रखा है। बर्थ सिटिंग में जरूर लोबर बर्थ देने की प्राथमिकता को जारी रखे हुए है। ऐसी ही स्थितियों का सामना इन यात्रियों को अगले छह महीने तक और करना होगा।
बिना स्टेशन और ट्रेनों में 500 रु. जुर्माना
रेलवे बोर्ड (Indian Railway Board) ने यह भी निर्देश जारी किया है कि कोरोना शर्तों का पालन यात्रियों को कड़ाई से करना होगा। यदि रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में सफर के दौरान बिना मास्क पकड़े गए तो 500 रुपए तक जुर्माना देना होगा। यह कार्रवाई टिकट निरीक्षक करते रहेंगे।
सांसदों के एमएसटी चालू करने के प्रस्ताव पर भी संशय
डेढ़ साल से अधिक समय से लोकल यात्रियों के मंथली सीजनल टिकट की सुविध बंद है। जिसे चालू करने के लिए रायपुर रेल मंडल मुख्यालय में गुरुवार को भाजपा और कांग्रेस के लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों की रेलवे के जोन महाप्रबंधक आलोक कुमार की मौजूदगी में बैठक हुई। इसमें सभी सांसदों का जोर यही कि हजारों दैनिक यात्रियों को रायपुर से दुर्ग और बिलासपुर के बीच आवाजाही में हर महीने 3000 से 6000 रुपए का बोझ उठाना पड़ रहा है। एमएसटी चालू की जाए। सवाल ये कि सांसदों का यह प्रस्ताव जोनल स्तर के अधिकार से बाहर का है। जिसे रेलवे बोर्ड ही मंजूरी दे सकता है। उस पर भी संशय है।
रेलवे बोर्ड का एक परिपत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें कोरोना नियमों के शर्तों को आगे बढ़ाने से संबंधित है। एमएसटी के संबंध में सांसदों के प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड ही मंजूरी दे सकता है, जिस पर अभी रोक है।
– किशोर निखारे, डीसीएम, रायपुर रेलवे