Health Alert: निजी अस्पतालों में हिप रिप्लेसमेंट के बढ़े केस
यही कारण है कि लंबे समय तक शराब पीने वालों के पास हिप रिप्लेसमेंट के अलावा कोई चारा नहीं रहता। विशेषज्ञों के अनुसार कोरोनाकाल के बाद आंबेडकर समेत निजी अस्पतालों में ऐसे केस बढ़े हैं। ये चौंकाने वाली भी है। हिप एंड नी रिप्लेसमेंट सर्जरी पहले उम्रदराज लोगों की जाती थी या
सड़क दुर्घटना या सिकलसेल जैसे जेनेटिक बीमारी वाले मरीजों के लिए ये जरूरत पड़ती थी। अब शराब ने हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की संख्या बढ़ा दी है। खासकर सड़क दुर्घटना में हिप व की हड्डी फ्रैक्चर हो जाती है।
इस कारण भी हिप रिप्लेसमेंट की जरूरत पड़ती है। अब इसके उलट ज्यादा शराब पीने वाले युवाओं को ये सर्जरी करानी पड़ रही है। हड्डी रोग विशेषज्ञों के अनुसार ये लत कई लोगों पर भारी पड़ रही है। जहां परिवार का सुख-चैन तो छिन ही रहा है, ऑपरेशन व दवाओं का खर्च भी लोगों को भारी पड़ रहा है।
आयुष्मान भारत योजना के पैकेज से बाहर, केवल आंबेडकर में सर्जरी
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी आयुष्मान भारत योजना के पैकेज में केवल सरकारी अस्पतालों के लिए है। निजी अस्पतालों में इस पैकेज को बाहर कर दिया गया है। यानी मरीज फ्री में इलाज केवल सरकारी अस्पताल में करवा सकता है। प्रदेश में केवल आंबेडकर अस्पताल में ये सर्जरी होती है।
सिम्स बिलासपुर या जगदलपुर में ये सर्जरी नहीं हो रही है। आंबेडकर में भी जरूरी उपकरण व इंप्लांट की सप्लाई नहीं होने से दिक्कत बढ़ गई है। निजी अस्पतालों में ये ऑपरेशन कराने के लिए करीब डेढ़ से दो लाख रुपए खर्च होता है। पांच साल पहले कांग्रेस सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए आयुष्मान के पैकेज से इस बीमारी को हटा दिया था। राजधानी में आंबेडकर के अलावा 4 बड़े निजी अस्पतालों में ये सर्जरी हो रही है।
युवा शराब से दूर ही रहें
डायरेक्टर श्री नारायणा अस्पताल, डॉ. सुनील खेमका ने बताया कि अपनी मर्जी से स्टेराइड व
शराब के ज्यादा सेवन से हड्डियां कमजोर हो रही हैं। (Health Alert) खासकर ज्यादा शराब के सेवन से हिप के जोड़ खराब हो रहे हैं। ऐसे ज्यादातर मामलों में हिप रिप्लेसमेंट की जरूरत पड़ रही है। इसमें 30-35 साल के युवाओं को भी सर्जरी की जरूरत पड़ रही है। युवा शराब से दूर ही रहें। ये सेहत के लिए बेहतर है।
शराब पीने की वजह से बढ़ रहे केस
Health Alert: ऑर्थोपीडिक मेडिकल कॉलेज, एचओडी, डॉ. सत्येंद्र फुलझेले ने कहा कि हिप की जोड़ खराब होने के केस कोरोनाकाल के बाद बढ़े हैं। ये रिसर्च का विषय हो सकता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? प्रदेश में ऐसे केस रोड एक्सीडेंट व ज्यादा शराब पीने की वजह से आ रहे हैं। कम उम्र में शराब की लत से हड्डियां कमजोर हो रही है। ऐसे में सेहत की दृष्टि से शराब से दूर रहने में ज्यादा समझदारी है।