वहीं मायके आने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। इस व्रत पूजा के दूसरे दिन मंगलवार से घरों से लेकर पूजा पंडालों में गणेशोत्सव उत्सव की धूम शुरू (Hartalika Teej 2023) होगी। फिर 14 दिनों तक भक्तिमय माहौल रहेगा।
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सुहाग की सामग्री, साड़ियां खरीदने के साथ ही चिरचिर का दतवन, खीरा, करेला की खरीदारी करने में जुटी रहीं। शाम को करू भात खाने के बाद फिर 24 घंटे तक अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगी। तीज पर रतजगा करके माताएं-बहनें भजन-कीर्तन करते हुए बिताएंगी। भोर के पहर में पूजन करेंगी। घरों और कॉलोनियों में फुलेरा सजाकर भगवान शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना, कथा सुनकर सुहाग की सामग्री अर्पित करने से अखंड सौभाग्य और अच्छे वर की कामना करेंगी। तीज पर्व का व्रत रखना सोमवार को ही श्रेष्ठ है। गणेश स्थापना सुबह से देर रात तक Hartalika Teej 2023: महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ला के अनुसार गणेश चतुर्थी का व्रत करना सोमवार को ही श्रेष्ठतम है। क्योंकि इस बार मलमास होने के कारण तिथियों में घट-बढ़ की स्थिति है। विधान है कि तृतीया युक्त चतुर्थी पर व्रत करना चाहिए।
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छत्तीसगढ़ी में कड़वा मतलब ’करू’ होता है और पके हुए चावल को ’भात’ कहा जाता है। महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र के लिए हरतालिका तीज उपवास से एक दिन पहले शाम का भोजन करेला की सब्जी भात का खाकर रहती हैं। इसके बाद कुछ भी नहीं खाती हैं। इस दिन प्रदेश के हर घर में करेले की सब्जी खासतौर पर बनाई जाती है। करूभात के लेकर व्रती तीजहारिन महिलाओं के लिए पार्षद व एमआईसी सदस्य आकाश तिवारी ने पंडित रविशंकर शुक्ल वार्ड के 1500 घरों में करीब 1500 पैकेट (Hartalika Teej 2023) करेला भिजवाया। वहीं छत्तीसगढ़ महतारी चौक में लगभग 1 क्विंटल करेला वितरित कर तीजा तिहार की शुभकामनाएं दी।