Hartalika Teej 2024: छत्तीसगढ़ में ‘करू-भात’ खाकर महिलाएं रखती हैं निर्जला व्रत, जानिए इसकी मान्यता?
Hartalika Teej 2024: छत्तीसगढ़ी बोली में कड़वा मतलब ‘करू’ होता है और पके हुए चावल को ‘भात’ कहा जाता है। तीजा पर्व के एक दिन पहले करेले का विशेष महत्व है। तीज के दिन व्रत रखने वाली महिलाएं एक दिन पहले करेले की सब्जी और चावल खाती हैं।
Hartalika Teej 2024: छत्तीसगढ़ में इन दिनों त्योहारी सीजन चल रहा है, एक के बाद एक त्योहार और व्रत आ रहे हैं। वहीं पति की दीर्घायु जीवन और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना का पर्व हरितालिका यानी तीजा शुक्रवार 06 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा महिलाएं इस दिन व्रत रखेंगी इससे पहले गुरुवार रात महिलाएं करू भात खाकर अपना व्रत शुरू करेंगी।
बता दें कि इस दिन महिलाएं बिना अन्न और जल के उपवास करती हैं। इस व्रत को करवाचौथ से भी ज्यादा कठिन माना जाता है। इसमें पूरे 24 घंटे बिना खाएं पीए उपवास किया जाता है। आज महिलाएं करू भात खाएंगी। इसके दूसरे दिन 24 घंटे के निर्जला व्रत करेंगी। तीज के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर भगवान शिव का पूजन कर कथा सुनेंगी। आज देर शाम तक महिलाएं एक-दूसरे के घर जाकर करू भात की रस्म निभाएंगी।
ये है प्राचीन मान्यता
हिन्दू मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने सर्वप्रथम यह व्रत रखा था और भगवान शिव को प्राप्त किया था। प्राचीन मान्यता है कि आज के दिन माता पार्वती ने शिव को प्राप्त करने के लिए तीजा के दिन निर्जला और निराहार रहकर घनघोर तप किया था। भगवान शंकर पार्वती से प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें (Hartalika Teej 2024) अपने जीवन में पत्नी के रूप में स्थान देते हैं। कुंवारी कन्याएं सुयोग्य वर की कामना के लिए उपवास रखती हैं। उड़ीसा में यह गौरी व्रत के नाम से जाना जाता है।
छत्तीसगढ़ी में कड़वा मतलब ‘करू‘ होता है और पके हुए चावल को ‘भात‘ कहा जाता है। इस व्रत पूजा से एक दिन पहले शाम के समय भोजन में करेला की सब्जी भात का भोग लगाएंगी और खीरा खाकर सोएंगी, ताकि अन्न की डकार न आए। इसके बाद कुछ भी नहीं खाती हैं। इस दिन छत्तीसगढ़ के हर घर में करेले की सब्जी खासतौर पर बनाई जाती है।
इस वजह से निभाते है करू भात का रिवाज
महिलाएं बताती हैं कि तीज व्रत के एक दिन पहले करेला इसलिए खाया जाता है, क्योंकि करेला खाने से कम प्यास लगती है। हरतालिका तीज का उपवास महिलाएं निर्जल होकर करती है। इस दिन करेला खाने का दूसरा कारण ये भी है कि मन की शुद्धता के लिए करेले की कड़वाहट जरूरी है, जिससे (Hartalika Teej 2024) मन शांत हो जाता है। इसी मान्यता से आज महिलाएं करू भात खाकर 24 घंटे का निर्जला व्रत करेंगी।