शहरीकरण के कारण पर्यावरण पर पड़ने वाला प्रतिकूल प्रभाव ना केवल कम होगा, बल्कि नदी के किनारे क्षेत्रों में हरियाली विकसित होने से नदी के किनारे लगे गांवों की सुंदरता को बढ़ाने से लेकर पर्यावरण की दृष्टि से कई फायदें भी मिलेंगे। इसके साथ नये प्लान में हरियाली को भी प्राथमिकता दी गई है, जिसके तहत खारुन नदी के 18 किमी किनारे क्षेत्रों को हरियाली के रूप में विकसित किया जाना प्रस्तावित है। पूरा क्षेत्र रिहायशी और गैर व्यावसायिक रहेगा नये मास्टर प्लान के तहत नदी के किनारे के आसपास का पूरा क्षेत्र रिहायशी और गैर व्यावसायिक रहेगा। खारुन नदी से पोषित होने वाले इलाके सेजबहार, काठाडीह, भाठागांव सहित कई इलाकों को मनोरंजक यानी आमोद-प्रमोद के अनुसार विकसित किया जाएगा।
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डेवलपमेंट के ये होंगे काम – औद्योगिक – 8.59% – अर्ध/सार्वजनिक – 3.89% – आमोद-प्रमोद – 6.93% – यातायात/परिवहन – 10.69% – मिश्रित – 7.75% – कुल विकसित – 69.55% – कुल अविकसित क्षेत्र – 30.45% – कुल क्षेत्र – 100%
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नया मास्टर प्लान ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट पर आधारित master plan 2031: नया मास्टर प्लान ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट पर आधारित है। इस नये प्लान में शहर की घनी आबादी के आसपास ऐसी सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप किए जाएंगे, जिससे लोगों को रहने में आसानी हो। इसमें परिवहन के लिए सड़क, मनोरंजन, स्कूल, अस्पताल, खेल मैदान, पानी, बिजली आदि के रूप में विकसित किया जाना प्रस्तावित है। 10 साल में पूरी करनी होगी योजना Kharun’s Development Master Plan 2031: मुख्यमंत्री ने खारुन रिवर फ्रंट को बजट में शामिल किया है। हालांकि अभी तक इसका काम शुरू नहीं हो पाया है। प्लान को अमल में लाने के लिए खारुन रिवर फ्रंट योजना को दस साल के भीतर पूरा करना होगा राज्य सरकार की रिवर फ्रंट योजना के तहत रायपुर-दुर्ग के बीच 18 किमी किनारों पर डेवलप किया जाना है। डेवलपमेंट इस तरह होगा कि लोग किनारों पर आसानी से आना-जाना कर सकें, लेकिन यह प्रोजेक्ट अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।
रायपुर और दुर्ग जिले के कई गांव इसके दायरे में आएंगे। नए मास्टर प्लान के तहत रायपुर जिले के अंतर्गत खारुन नदी किनारे क्षेत्रों में हरियाली विकसित करने से रायपुर और दुर्ग के किनारे बसें कई गावों को लाभ होगा। – संदीप बागड़े, संयुक्त संचालक, रायपुर