बाड़े में 45 से 60 दिन रखेंगे वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि गुरु घासीदास में नेशनल पार्क में 40 हेक्टेयर का बाड़ा तैयार किया गया है। बायसन को जंगल में छोड़ने से पहले 45 से 60 दिनों तक वहां रखा जाएगा, क्योंकि बार नवापारा और घासीदास के जलवायु में फर्क है। फिलहाल 5 बायसनों स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। वे पूरे तरह से ठीक है। इस माह के अंत में 4 बायसनों को छोड़ा जाएगा।
2019 में लिखा था पत्र बलौदाबाजार वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बारनवापारा में तेंदुआ नहीं होने की वजह से बायसन की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। बायसन की संख्या में बढ़ोतरी देख बारनवापारा के अधिकारियों ने केंद्र सरकार को 2019 में पत्र लिखकर उन्हें शिफ्ट करने की मांग की थी। केंद्र सरकार से इजाजत मिलने के बाद गुरु घासीदास नेशनल पार्क में बायसन के लिए बार नवापारा में बाड़ा तैयार वन्य प्राणी चिकित्सक के देखरेख में उनके व्यवहार पर नजर रखा गया था।
35 गांवों में जनजातियों का है निवास गुरु घासीदास नेशनल पार्क कोरिया जिले के बैकुंठपुर सोनहत मार्ग पर पांच किलोमीटर की दूरी पर है। 2001 से पहले यह संजय गांधी नेशनल पार्क, सीधी (मध्यप्रदेश) का हिस्सा था। इसका क्षेत्रफल 1440 वर्ग किलोमीटर है। नेशनल पार्क के अंदर हसदेव नदी बहती है और गोपद नदी का उद्गम है। पहाड़ों की श्रृंखला के अलावा साल, साजा, धावडा, कुसुम, तेंदू के वृक्षों और वनौषधियों से घिरे पार्क में बाघ, तेंदुआ, गौर, चिंकारा, मैना आदि पाए जाते हैं। इसके भीतर 35 वन गांवों में चेरवा, पांडो, गोंड़, खैरवार व अगरिया जनजातियों का निवास है।