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स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के बाद अस्पताल प्रबंधन ने माहभर पहले तंबाकू पर बन लगाया है। लोगों को जागरूक करने के लिए अस्पताल गेट, ओपीडी व वार्डों की ओर बैनर व पोस्टर भी लगाया गया है। बाहर से आने वाले लोगों की गेट पर जांच की जा रही है। ये जांच गेट के अलावा गैलरी पर भी की जा रही है। ओपीडी व वार्डों में अटेंडेंट की जेब में बीड़ी, सिगरेट व तंबाकू की जांच भी की जा रही है। ये उत्पाद मिलने पर जब्त कर जुर्माना लगाया जा रहा है। जुर्माने के लिए गार्डों को रसीद दी गई है। कई लोग जुर्माना न लगाने व भविष्य में इसका उपयोग नहीं करने की बात भी करते दिख जाते हैं।
हालांकि गार्ड ऐसे लोगों पर कोई रहम नहीं करते। साथ ही उन्हें चेतावनी जरूर देते हैं कि आगे फिर तंबाकू मिला तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एसबीएस नेताम का कहना है कि उन्होंने सभी एचओडी को भी तंबाकू के बैन के बारे में जानकारी दी है। कोई नर्सिंग या पैरामेडिकल स्टाफ के तंबाकू सेवन करने पर जुर्माना तो लगाया जाएगा, चेतावनी भी दी जाएगी।
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स्कूल व अस्पताल के 100 मीटर के दायरे में प्रतिबंध
प्रदेश में कोटपा एक्ट लागू है। इसके तहत स्कूल व अस्पताल के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू या इससे बने उत्पाद बेचने पर प्रतिबंध है। हालांकि राजधानी के कई स्कूलों व अस्पताल के बाहर पान ठेलों में तंबाकू व गुटखा बेचना आम बात है। स्वास्थ्य विभाग भी इस पर लगाम नहीं लगा पा रहा है। इस पर कार्रवाई की जिम्मेदारी खाद्य व ड्रग विभाग पर है, पर इसके अफसर यदा कदा ही फील्ड में नजर आते हैं। इसके कारण भी तंबाकू व इससे बने उत्पादों को बेचने पर रोक नहीं लग पा रही है।
तंबाकू से होता है मुंह व गले का कैंसर, रहें अलर्ट तंबाकू के सेवन से कई प्रकार के कैंसर की संभावना बनी रहती है। इसमें प्रमुख रूप से फेफड़ों का कैंसर, मुंह का कैंसर, लिवर का कैंसर और गले का कैंसर शामिल है। यही नहीं इसके साथ ही कई क्रोनिक बीमारियां भी हो जाती हैं। आंबेडकर में चेस्ट विभाग के एचओडी डॉ. आरके पंडा व कैंसर विभाग के प्रोफेसर डॉ. प्रदीप चंद्राकर के अनुसार धूम्रपान से कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, फेफड़े के रोग, डायबिटीज और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) होता है। इसमें क्रोनिक ब्रोंकाइटिस भी शामिल हैं। धूम्रपान से तपेदिक, कुछ नेत्र रोगों और रुमेटाइड गठिया सहित प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है।