किसानों ने बताया कि हाथियों ने उनके खेतों की फसल को रौंद डाला है। गांव में हाथी तीसरी बार आए हैं, खेतों की फसलों को काफी नुकसान हुए है। कई एकड़ की फसल चौपट हो गई है। बाड़ियों में पोल लगाकर किए गए तार के घेरे को भी हाथियों ने तोड़ डाला है।
यह भी पढ़ें : डेंगू बना कोरोना… 3-4 दिनों के बुखार से रहे सावधान, अब तक इतने बढ़ें मरीजों के आंकड़े Elephant Attack : हरदी गांव के किसान फुलेसर साहू ने अपना दर्द बयां करते बताया कि मेरा खेत सड़क किनारे लगा है। जहां हाथियों का आने जाने का रास्ता बन गया है। आए हाथियों के दलों ने एक एकड़ खेत में लगे धान फसलों को नुकसान पहुंचाया है। किसान फुलेसर ने बताया कि हाथियों के बार बार आने से किसानों के खेतों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। विगत दो महीनों में तीसरी बार हरदी जंगल में हाथियों ने दस्तक दी है।
वहीं हरदी गांव के किसानों में रेशमलाल गुप्ता, संतोष बारीक, मोहन प्रधान ने बताया कि गजाईभवना भडिसार भकुर्रा के जंगलों से हाथियों का दल फिर एक बार हरदी गांव पहुंच कर किसानो के खेतों में लगे धान के फसलों और बाडिंयो को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हम किसान बहुत ही चिंतित हो गए हैं। आए दिन हाथियों के आ धमकने से किसानों, मजदूरों में भय बना हुआ है।
यह भी पढ़ें : शोकपत्र अशुभ है… 40 साल में 7500 कार्ड इकट्ठा कर तोड़ा लोगों का भ्रम हरदी के जंगल की तरफ निकले हाथी Elephant Attack : बताया जाता है कि ग्राम हरदी के तालाब में 18 से 24 हथियों का दल पहुंचा था। तड़के सुबह मार्निंग वॉक पर निकलने वाले ग्रामीणों ने हाथियों के देखा तो वे फौरन गांव की तरफ कूच कर गए और ग्रामीणों को सचेत किया। तालाब में पानी पीने के बाद हाथी फिर खेतों की तरफ रुख किया और फसलों को नुकसान पहुंचाते हुए हरदी के जंगल की तरफ निकल गए।
गांव में हाथियों के पहुंचने की जानकारी मिलते ही वन विभाग का अमला भी मौके पर पहुंच गया था। विभाग के डिप्टी रेंजर विभीषण पटेल गाताडीह से जानकारी लेने पर बताया कि कक्ष क्रमांक 457 हरदी वन परिक्षेत्र में 18 से 24 की संख्या में हाथियों का दल गजाईभवना के जंगलों से खेतों के रास्ते हरदी गांव से होते जंगल के तरफ गए हैं। किसानों के खेतों की फसलों को नुकसान हुआ है।
यह भी पढ़ें : CGPSC 2022: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग का फाइनल रिजल्ट जारी, टॉप-10 में 6 बेटियों ने मारी बाजी….सारिका मित्तल बनी टॉपर Elephant Attack : हाथियों द्वारा नुकसान किये हुए फसलों का आकलन कर पटवारी और वन विभाग द्वारा पंचनामा रिपोर्ट तैयार किया जायेगा। जिन जिन किसानों की फसलों को नुकसान हुआ होगा उन किसानों को मुआयजा राशि शासन की तरफ से दिया जाएगा। जंगल के आसपास बसे गांवों में कोटवारों के माध्यम से मुनादी कराई जा रही है। हाथी हरदी के ऊपरी भाग के जंगलों में डेरा जमाएं हुए हैं।