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CG Fraud: ठेका दिलवाने के नाम पर 15 करोड़ रुपये की ठगी, ईडी ने दर्ज किया एफआईआर सट्टा के प्रमोटर्स की राशि को शेयर ट्रेडिंग में निवेश कर व्हाइट मनी में कन्वर्ट करने का काम करता था। इसके इनपुट मिलने के बाद गौरव को गिरफ्तार किया गया है। विशेष न्यायाधीश ने ईडी के अनुरोध पर 5 दिन के लिए पूछताछ करने के लिए सौंप दिया।
बेनामी खातों का नेटवर्क
ईडी को जांच के दौरान इनपुट मिले कि
महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप एक सिंडिकेट के तौर पर काम करता है। इसमें पंजीकरण के बाद खेलने वाले का आईडी बनाकर उसके जरिए बेनामी बैंक खातों का नेटवर्क बनाकर मनी लांड्रिंग कर रकम का ट्रांजेक्शन किया जा रहा था। जांच में यह भी पता चला है कि यह ऐप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से सट्टेबाजी चलाया जा रहा था।
388 करोड़ की संपति अटैच
ईडी ने महादेव सट्टा के सिंडिकेट से जुड़े हरिशंकर टिबरेवाल के 388 करोड रुपए की संपत्ति को अटैच किया है। यह करवाई ईडी द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत संपत्ति अटैच करने की कार्रवाई की है। अटैच की गई
संपत्ति में हरिशंकर टिबरेवाल की मॉरीशस की कंपनी तानो इन्वेस्टमेंट ऑपर्च्युनिटीज फंड की चल संपत्ति भी शामिल है। इसे एफपीआई और एफडीआई के माध्यम से टिबरेवाल ने रकम निवेश किया था। साथ ही ईडी ने टिबरेवाल से संबंधित छत्तीसगढ़, मुंबई और मध्य प्रदेश में स्थित अचल संपत्तियों को भी अटैच किया है।
एजेंसी के मुताबिक यह सभी संपत्तियां कई सट्टेबाजी ऐप और वेबसाइट के प्रमोटरों, पैनल ऑपरेटरों और सहयोगियों की हैं। बता दें कि महादेव सट्टा मामले में ईडी ने अब तक सट्टा संचालित करने वाले प्रमोटरों की दो हजार 295 करोड़ 61 लाख रुपए की संपत्ति जब्त या फ्रीज की है। इसमें 19 करोड़ 36 लाख रुपए की नकदी, 16 करोड़ 68 रुपए का सामान और बैंक बैलेंस, प्रतिभूतियों समेत कुल 1 हजार 729 करोड़ 17 लाख रुपए की चल संपत्ति भी शामिल है।
अब तक 11 गिरफ्तार
महादेव सट्टा मामले में ईडी अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके अलावा रायपुर की विशेष पीएमएलए अदालत में चार अभियोजन शिकायतें भी दाखिल की हैं। इससे पहले ईडी ने 142 करोड़ 86 लाख रुपए की संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया था।