बताया जाता है कि इन सभी के ठिकानों में चावल के परिवहन, कस्टम मिलिंग के एवज में मिले रकम और वर्क आर्डर में गड़बड़ी के दस्तावेज मिले हैं। इन सभी को जांच के लिए जब्त किया गया है। वहीं तलाशी के दौरान मिले इनपुट के आधार पर कटघोरा स्थित दो राइस मिलरों के ठिकानों पर अब भी जांच चल रही है। इसके सोमवार को पूरी होने की संभावना जताई जा रही है। बताया जाता है कि रायपुर के तिल्दा, दुर्ग, महासमुंद, धमतरी के कुरूद, कोरबा और बिलासपुर में मिली जानकारी के आधार पर 7 अन्य राइस मिलर और ट्रांसपोर्टर ईडी के राडार पर हैं। इन सभी को जल्दी ही सभी को पूछताछ के लिए बुलवाया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि आयकर विभाग से मिले इनपुट के आधार पर ईडी द्वारा छापेमारी की कार्रवाई की गई है। इसमें कटघोरा स्थित राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष और एक अन्य राइस मिलर शामिल हैं।
यह भी पढ़े: कमीशन का खेल ईडी की टीम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरित किए जाने वाले चावल की कस्टम मिलिंग में हुए कमीशन के खेल की जांच कर रही है। साथ ही इस खेल की जांच करने के लिए यह छापेमारी की गई है। बताया जाता है कि करोड़ों की वसूली करने की शिकायत पर आयकर विभाग द्वारा छापामारा गया था। इस दौरान सिंडीकेट चलाए जाने के इनपुट मिले थे। इसे देखते हुए आयकर विभाग ने ईडी को जांच के लिए इनपुट सौंपा है।
हवाला के जरिए रकम का हस्तांतरण ईडी को राइस मिलरों, ट्रांसपोर्टरों, मार्कफेड के अफसरों और उनके करीबी लोगों के ठिकानों में जांच के दौरान हवाला से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। इसे देखते हुए छापे की जद में आने वाले लोगों की भूमिका को जांच के दायरे में लिया गया है।
यह भी पढ़े: