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रायपुर

Cyber Fraud: साइबर ठगों का कहर! महिलाओं व युवतियों को सबसे ज्यादा बना रहे शिकार, अब तक इतने मामले आए सामने…जानिए

Cyber Fraud: हर साल सैकड़ों महिलाएं-युवतियां ऑनलाइन ठगी की शिकार हो रही हैं। कभी महंगे गिफ्ट के चक्कर में, तो कभी ऑफर और सस्ते सामान के नाम पर उन्हें साइबर ठग झांसा दे रहे हैं।

रायपुरJun 24, 2024 / 10:15 am

Khyati Parihar

Cyber Fraud: रायपुर में आमानाका इलाके की महिला से 25 लाख रुपए से अधिक की ऑनलाइन ठगी का ही एक मामला नहीं हैं, यहां हर साल सैकड़ों महिलाएं-युवतियां ऑनलाइन ठगी की शिकार हो रही हैं। कभी महंगे गिफ्ट के चक्कर में, तो कभी ऑफर और सस्ते सामान के नाम पर उन्हें साइबर ठग झांसा दे रहे हैं। साइबर ठगी करने वाले ऑनलाइन खरीदी-बिक्री की अलग-अलग वेबसाइटों के अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्म भी सक्रिय रहते हैं।

ओएलएक्स के बाद अब क्वीकर

पहले ओएलएक्स में सेकंडहैंड सामान खरीदी-बिक्री के लिए विज्ञापन देकर साइबर ठग लोगों को झांसा देते थे, अब उसी तरह क्वीकर में भी सक्रिय हो गए हैं। इसमें भी अलग-अलग चीजों के विज्ञापन देकर लोगों को झांसे में ले रहे हैं। ये खरीदारों के अलावा बेचने वालों को भी फांसते हैं।

Cyber Fraud: नाइजीरियन करते हैं टारगेट

फेसबुक, वाट्सऐप, टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया में दोस्ती, शादी और व्यवसाय के नाम पर साइबर ठगी के पीछे नाइजीरियन गिरोह का हाथ होता है। अक्सर ये महिलाओं व युवतियों को टारगेट करते हैं। इसी तरह सेकंडहैंड सामान खरीदने-बेचने, ऑफर आदि के नाम पर ठगी करने वाले राजस्थान के भरतपुर गिरोह के हैं।

तत्काल करें शिकायत

ऑनलाइन ठगी होने पर तत्काल नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें। साथ ही नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा रायपुर साइबर सेल सिविल लाइन में शिकायत किया जा सकता है।

2 हजार से ज्यादा शिकायतें

जनवरी से मई 2024 तक अलग-अलग थानों में ऑनलाइन ठगी की 2 हजार से ज्यादा शिकायतें पहुंच चुकी हैं। कई मामलों की जांच जारी है। साइबर सेल रोज औसतन 3 से 4 शिकायतें पहुंच रही हैं। कई मामलों में पुलिस साइबर ठगों के बैंक खातों में राशि होल्ड करवा देती है।

Cyber Fraud: साइबर ठगी से ऐसे बचें

-सोशल मीडिया में अनजान व्यक्ति से दोस्ती न करें। केवल डीपी-प्रोफाइल के आधार पर ही अपनी गोपनीय जानकारी शेयर न करें।
-सोशल मीडिया में केवल चैटिंग के आधार पर रकम लेन-देन न करें। बैंकों और पहचान से जुड़े गोपनीय दस्तावेज शेयर न करें।
-गिफ्ट, ऑफर और सस्ते दाम वाली चीजों को खरीदने से पहले उसकी पूरी जानकारी ले लें।
-अधिकृत और प्रतिष्ठित वेबसाइटों से ही शॉपिंग करें।
-सोशल मीडिया में अपनी व्यक्तिगत जानकारियां शेयर न करें।
केस-1: शंकर नगर इलाके की एक युवती ने क्वीकर में एक सेकंडहैंड दोपहिया का विज्ञापन देखा। काफी सस्ता होने के कारण उसमें दिए गए नंबर पर संपर्क किया। दोपहिया बेचने वाला साइबर ठग निकला। उसने दोपहिया बेचने के नाम अलग-अलग ढंग से युवती से डेढ़ लाख रुपए अपने खाते में जमा करवा लिए। दोपहिया नहीं भेजा और न ही पैसे रिटर्न किए। परेशान युवती ने शनिवार को साइबर सेल में इसकी शिकायत की।
केस-2: टिकरापारा की 40 वर्षीया विधवा महिला की फेसबुक में यूके के एक डॉक्टर से दोस्ती हो गई। फेसबुक और वाट्सऐप लंबी चैटिंग चली। डॉक्टर ने महिला को प्रपोज किया और यूके से महंगा गिफ्ट भेजा। गिफ्ट को इंडिया में छुड़ाने के नाम पर पैसा मांगने लगे। महिला ने कुछ रकम दिया। इसके बाद कभी कस्टम अधिकारी, तो कभी सीबीआई वाले बनकर और ज्यादा रकम मांगने लगे। करीब 1 लाख रुपए देने के बाद महिला को ठगी होने का शक हुआ। उन्होंने ठगों का फोन उठाना बंद किया और ऑनलाइन शिकायत की।
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