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CG Elephant: दंतैल की धमक से ग्रामीणों में दहशत.. जंगल की तरफ जाने में मनाही, 8 गांवों में Alert जारी माना जा रहा है कि स्तिथि में सुधार नहीं हुआ तो हाथी के बच्चे को जंगल सफारी लाया जा सकता है। सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि बुधवार को चिकित्सकों टीम ने मौके पर पहुंचकर त्वरित उपचार शुरू किया।
हाथी के घायल बच्चे को खाने में कठिनाई हो रही है। गुरुवार को टीम ने उसे 50 छिलके वाले केले दिए, लेकिन वह केवल 15 ही खा सका। इसके अलावा गन्ना और चावल का माठ खाने में भी उसे दिक्कत आ रही है।
28 हाथियों के दल ने छोड़ा साथ
घटना स्थल के पास 28 हाथियों का दल भी मौजूद था, लेकिन वह घायल हाथी और उसके बच्चे को छोड़कर 100 किलोमीटर दूर चला गया। इससे बच्चे की स्थिति और जटिल हो गई है।
वन विभाग अब इस बच्चे को जल्द से जल्द स्थिर करने की कोशिश कर रहा है, ताकि उसका इलाज किया जा सके और उसे पूरी तरह से ठीक किया जा सके।
आगे की योजना ये…
उपनिदेशक ने बताया कि शु₹वार को इस मामले में और अधिक विशेषज्ञों की टीम आएगी। इसमें रायपुर से नंदनवन जंगल सफारी और नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क के अधिकारी व चिकित्सक शामिल होंगे। ये विशेषज्ञ उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के साथ मिलकर बच्चे की स्थिति का पुन: मूल्यांकन करेंगे। सीसीएफ सतोविशा समाजदार भी इस दौरे का हिस्सा बनेंगे। इसके बाद ही घायल हाथी के बच्चे के इलाज के बारे में कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा। शायद जंगल सफारी भी ले जाया जा सकता है।