हालांकि, कुछ बड़े निगमों ने 2 अक्टूबर तक ओडीएफ होने का फिर से दावा किया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत छत्तीसगढ़ में पांच जिले, 83 विकासखण्ड, 7984 ग्राम पंचायत और 14 हजार 64 गांव खुले में शौच से मुक्त घोषित किए जा चुके हैं। इस मामले में शहरी सरकार काफी पीछे चल रही है।
आयुक्तों की लगाई क्लास मई की स्थिति में 162 में 41 नगरीय निकाय की ओडीएफ घोषित हुए है। सबसे ज्यादा दिक्कत नगर निगमों को ओडीएफ घोषित करने में आ रही है। इसके लिए पिछले दिनों नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल ने आयुक्तों की क्लास भी लगाई थी। इसमें रायपुर और राजनांदगांव नगर निगम ने अक्टूबर तक का समय मांगा। हालांकि, मंत्री सभी निगमों को राज्योत्सव तक का समय दिया है।
शहर से लगे ग्रामीण वार्डों में दिक्कत
बैठक में यह बात भी सामने आई कि शहर से लगे ग्रामीण वार्डों में ज्यादा परेशानी आ रही है। यहां सख्ती करना जरूरी हो गया है। इसके अलावा रेलवे पटरी के किनारे बसी बस्तियों में भी शौचालय निर्माण नहीं हो पा रहा है। अधिकारियों का कहना था कि यह रेलवे अपनी जमीन पर शौचालय बनाने की अनुमति नहीं दे रहा है। दूसरा यहां बस्तियां इतनी घनी है कि शौचालय निर्माण की जगह नहीं मिल पा रही है।
बैठक में यह बात भी सामने आई कि शहर से लगे ग्रामीण वार्डों में ज्यादा परेशानी आ रही है। यहां सख्ती करना जरूरी हो गया है। इसके अलावा रेलवे पटरी के किनारे बसी बस्तियों में भी शौचालय निर्माण नहीं हो पा रहा है। अधिकारियों का कहना था कि यह रेलवे अपनी जमीन पर शौचालय बनाने की अनुमति नहीं दे रहा है। दूसरा यहां बस्तियां इतनी घनी है कि शौचालय निर्माण की जगह नहीं मिल पा रही है।
इस पर मंत्री नगरीय प्रशासन विभाग अमर अग्रवाल ने कहा कि निकायों को ओडीएफ घोषित करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। जहां दिक्कत आ रही है, वहां समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है।