scriptछत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति से होगी पढ़ाई, नर्सरी से लेकर Phd तक होगा बड़ा बदलाव, जानिए सिलेबस की खास बातें… | Chhattisgarh will study with the new education policy, there will be a big change from nursery to PhD, know the special features of the syllabus… | Patrika News
रायपुर

छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति से होगी पढ़ाई, नर्सरी से लेकर Phd तक होगा बड़ा बदलाव, जानिए सिलेबस की खास बातें…

नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत स्कूलों में पढ़ाई शुरू करने की तैयारी की जा रही है। अब सरकारी स्कूलों में 6 की जगह 3 साल की उम्र से प्रवेश दिया जाएगा। नर्सरी से पहली और दूसरी कक्षा (3 से 8 वर्ष) तक बच्चों की पढ़ाई-लिखाई जादुई पिटारा के माध्यम से कराई जाएगी।

रायपुरMay 03, 2024 / 07:42 am

Kanakdurga jha

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New Education Policy In Chhattisgarh: शिक्षण सत्र 2024-25 में नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत स्कूलों में पढ़ाई शुरू करने की तैयारी की जा रही है। अब सरकारी स्कूलों में 6 की जगह 3 साल की उम्र से प्रवेश दिया जाएगा। नर्सरी से पहली और दूसरी कक्षा (3 से 8 वर्ष) तक बच्चों की पढ़ाई-लिखाई जादुई पिटारा के माध्यम से कराई जाएगी। स्कूली शिक्षा में पढ़ाई का पैटर्न भी बदल जाएगी, अब 10 2 की जगह 5 3 3 4 पैटर्न में पढ़ाई कराई जाएगी। 3 से 8 साल यानी 5 साल बच्चा नर्सरी से लेकर दूसरी कक्षा तक की पढ़ाई बालबाड़ी और प्राथमिक स्कूलों में पूरी करेगा। फिर कक्षा 3, 4 और 5 की पढ़ाई 3 साल में बच्चा पूरी करेगी। इसके बाद 6वीं से 8वीं यानी 3 साल की पढ़ाई होगी।
इसके बाद अंत में 9वीं से 12वीं यानी 4 साल की हाई स्कूल औैर हायर सेकंडरी कक्षाओं की पढ़ाई पूरी करेगा। इस तरह एनईपी के तहत स्कूलों की पढ़ाई को 5 3 3 4 पैटर्न में बांटकर शिक्षा कराने की योजना है। अब तक सरकारी स्कूलों में 6 वर्ष की आयु पर कक्षा पहली में बच्चों को प्रवेश देने का नियम था यानी 1 से10 तक पढ़ाई 10 वर्ष फिर 11वीं व 12वीं की पढ़ाई 2 वर्षए जो एनईपी लागू होने पर पूरी तरह बदल जाएगा।
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New Education Scheme: 3 से 8 साल के लिए जादुई पिटारे से पढ़ाई

छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कुल 9491 बालबाड़ी खोली जा चुकी है। इन बालबाडिय़ों में नर्सरी और कक्षा 1 व 2 में जादुई पिटारे के माध्यम से पढ़ाई.लिखाई कराई जा सकेगी, जिसमें 3 से 8 वर्ष तक बच्चे शामिल होंगे। स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने सभी बालबाड़ी और प्राथमिक शाला के शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की महत्वपूर्ण उद्देश्यों में से एक और प्रमुख जादुई पिटारा खेल आधारित शिक्षण संसाधन प्रणालीद्ध से शिक्षा सत्र 2024-25 से दक्षतापूर्वक क्रियान्वयन व संचालन के लिए कहा है।

आंगनबाडिय़ों को बदला जाएगा बालबाडिय़ों में

नई शिक्षा नीति के तहत आंगनबाडिय़ों को अब बालबाडिय़ों में बदला जाएगा और शिक्षा विभाग में शामिल किया जाएगा। इससे 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को नर्सरी की शिक्षा देने में सुविधा होगी। पूरे प्रदेश में बालबाडिय़ों खोलकर बच्चों को नर्सरी की पढ़ाई कराने की योजना है।
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New Education Scheme Implemented: 55 हजार शिक्षकों को दी गई ट्रेनिंग


जादुई पिटारे के तहत नर्सरी से दूसरी तक की पढ़ाई करने के लिए बुधवार को एक साथ 55 हजार शिक्षकों को प्रारंभिक तौर पर क्षमता विकास और उन्मुखीकरण के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया।


ऐसा होगा 3 से 6 वर्ष की उम्र की पढ़ाई

नई शिक्षा नीति.2020 के अनुसार जादुई पिटारा अत्याधुनिक बालकेंद्रित शिक्षण दर्शन पर आधारित है। 3 से 6 साल के उम्र के बच्चों को नर्सरीए लोअर किंडरगार्टन (एलकेजी) द्और अपर किंडरगार्टन (यूकेजी) की शिक्षा दी जाएगी। इसमें पुस्तकों को प्रयोग बहुत कम किया जाएगा।


ऐसे होगी पढाई

विभिन्न सामग्री प्लेबुक, खिलौने, पहेलियां, पोस्टर, प्लेकार्ड, वर्कशीट जैसी सामग्री के माध्यम से नई शिक्षण तकनीक के विभिन्न पहलुओं से शिक्षकों और मैदानी अधिकारियों के माध्यम से बॉलबाडिय़ों व प्राथमिक शाला में पढ़ाई कराई जाएगी।

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