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Chemical Mangoes in CG: सावधान! आम खाने का शौक कहीं महंगा न पड़ जाए, केमिकल से पकाने का चल रहा खतरनाक खेल

Chemical Mangoes in CG: केमिकलयुक्त आम कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा किसी को नहीं है। शहर के बाजारों में विभिन्न प्रजाति के आम कैिल्शयम कार्बाइड से पकाए जा रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

रायपुरJun 20, 2024 / 10:03 am

Kanakdurga jha

Chemical Mango’s in CG: गर्मियां शुरू होते ही फलों का राजा हर जगह मिलता है। बच्चे हों या बड़े, हर किसी को आम का स्वाद पसंद आता है। आम की बढ़ती डिमांड और ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में लोग आम को केमिकल से पका रहे हैं। लेकिन, केमिकलयुक्त आम कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा किसी को नहीं है।
शहर के बाजारों में विभिन्न प्रजाति के आम कैिल्शयम कार्बाइड से पकाए जा रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जबकि, सिर्फ शहर में ही एक महीने में (Chemical Mangoes in CG) इसका कारोबार 4 करोड़ रुपए से ज्यादा का होता है।
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वहीं, शहर में बिक रहे आम कितना सुरक्षित हैं? इसका जवाब फूड एंड ड्रग डिपोर्टमेंट के पास भी नहीं है। अभी तक विभाग की ओर से कोई भी सैंपल नहीं लिए गए हैं। अगर जांच शुरू भी होती है तो इसकी रिपोर्ट आते तक आम का सीजन समाप्त हो चुका होगा। अभी तक खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने पिछले दो वर्षों में कोई जांच नहीं की है।
हालांकि, एफएसएसएआई ने 18 मई को आदेश जारी कर सभी राज्यों को खाद्य सुरक्षा विभागों को एफएसएस अधिनियम, 2006 और उसके तहत बनाए गए नियमों/विनियमों के प्रावधानों के अनुसार केमिकल से फल पकाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सतर्क रहने और (Chemical Mangoes in CG) सख्त कार्रवाई करने को कहा था।

Chemical Mangoes in CG: मुनाफाखोरी के लिए उपयोग

अधिकांश विक्रेता मुनाफाखोरी के चक्कर में कैिल्शयम कार्बाइड से आम पकाते हैं। जबकि, एफएसएसएआई ने फलों को पकाने के लिए एथिलीन गैस के उपयोग की अनुमति दी है। जो कैल्शियम कार्बाइड से चार गुना महंगा है इसलिए व्यापारी कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग करते हैं।

आदेश में ये कहा गया

खाद्य सुरक्षा और मानक विनियम, 2011 (बिक्री पर निषेध और प्रतिबंध) के विनियमन 2.3.5 के तहत फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कोई भी व्यक्ति ऐसे फल नहीं बेचेगा और न ही रखेगा। जो एसिटिलीन गैस, जिसे आमतौर पर कार्बाइड गैस के रूप में जाना जाता है, इसके उपयोग द्वारा कृत्रिम रूप से पकाया गया है।”

इतने प्रकार के आम बिक रहे

राजधानी के बाजारों में विभिन्न प्रजाति के आम देखने मिल रहे हैं। इनमें दशहरी, चौसा, बादामी, लंगड़ा, तोतापरी, केसर, हापूस, बैगनफल्ली आदि प्रजाति शामिल हैं। रायपुर में इनमें आधे से ज्यादा प्रजाति के (Chemical Mangoes in CG) आम मिल रहे हैं। जोकि तेलंगाना, गुजरात, यूपी आदि जगहों से आने के साथ नागपुर के आसपास के क्षेत्रों से भी आते हैं।

ऐसे करता है सेहत को नुकसान

कैल्शियम कार्बाइड से पके हुए आम खाने से कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। इससे बार-बार प्यास लगना, चक्कर आना, कमजोरी होना और खाना निगलने में कठिनाई जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इससे लिवर और कि़डनी की बीमारी होने का भी खतरा रहता है। कैल्शियम कार्बाइड एक केमिकल है (Chemical Mangoes in CG) तो ऐसे में लंबे समय तक अगर ये किसी भी रूप में शरीर में जाता है तो इससे कैंसर होने का भी खतरा रहता है।

Chemical Mangoes in CG: ऐसे पकाने का निर्देश

एफएसएसएआई ने फलों को पकाने के लिए एथिलीन गैस के इस्तेमाल को मंजूरी दी है। एथिलीन एक प्राकृतिक हार्मोन है। सभी जिलों के खाद्य सुरक्षा अधिकारियसों को सैंपलिंग के निर्देश दिए गए हैं। सैंपल का डेटा मगाया जाएगा।

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