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रायपुर

CG School Reopening 2024: कही छत नहीं तो कुछ स्कूलों में शिक्षक ही नहीं, 18 जून से कैसे स्कूल जाएंगे बच्चे

CG School Reopening 2024: छात्रों के पास न तो गणवेश है न पाठ्यपुस्तक न पौष्टिक मध्यान्ह भोजन और न ही सिर पर मजबूत छत। प्रदेश के लाखों नौनिहाल जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को तैयार हैं।

रायपुरJun 15, 2024 / 09:13 am

Kanakdurga jha

CG School Reopening 2024: 18 जून से नए शिक्षा सत्र की शुरूआत होगी। लेकिन स्कूलों के हालात ठीक नहीं हैं। छात्रों के पास न तो गणवेश है न पाठ्यपुस्तक न पौष्टिक मध्यान्ह भोजन और न ही सिर पर मजबूत छत। प्रदेश के लाखों नौनिहाल जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को तैयार हैं। लगभग सभी संभागों में ग्रामीण इलाकों शालाओं हालात एक जैसे हैं। कहीं विद्यालय की छत गायब है तो कहीं टपक रही है तो कहीं पर पेड़ों के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं बच्चे।
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व्यवस्था चाहे जैसी भी हो 18 जून की सुबह 7 बजे से डेढ़ माह से बंद पड़े स्कूलों के पट खुलेंगे। वहीं बच्चों की किलकारियां गूंजेंगी।शिक्षा विभाग ने नए शिक्षा सत्र की तैयारी पूरी कर ली है। नए शिक्षा सत्र की शुरूआत भले ही एक अप्रैल से कर ली गई है, लेकिन डेढ़ माह क्लास लगने के बाद भी स्कूलों में तैयारी पूरी तरह से अधूरी है। बता दें कि जांजगीर-चांपा व सक्ती जिले मिलाकर 1612 प्राइमरी व 793 मिडिल स्कूल के अलावा 134 हाई व 143 हायर सेकंडरी स्कूल संचालित है।
जिले भर में प्राइमरी व मिडिल स्कूल मिलाकर चार दर्जन ऐसे स्कूल भवन हैं जो पूरी तरह से जर्जर हैं। ब्रिटिशकालीन खपरैला वाले भवन में बच्चे जान जोखिम में डालकर भविष्य गढऩे मजबूर हैं। इन भवनों को डिस्मेंटल कर पक्के भवन बनाने के आदेश आ चुके हैं। मुख्यमंत्री स्कूल (CG School Reopening 2024) जतन योजना के तहत 522 स्कूलों के लिए भवन निर्माण चल रहा है। तो कई भवन बनने के बाद हैंडओवर के बाट जो रहे हैं। हद तो तब हो जाती है जब भवन बनने के बाद भी छोटी -छोटी तकनीकि खामियों के कारण हैंडओवर नहीं हो पा रहा। नए भवन होने के बावजूद पुराने भवनों को ही उपयोग किया जा रहा है।
CG School Reopening 2024

दो दर्जन स्कूलों के पास खुद के भवन नहीं,61 शिक्षकों की कमी

जिले के दो दर्जन स्कूल अभी भी जुगाड़ के भवन में संचालित हो रहा है। इन स्कूलों के पास खुद का भवन नहीं है। जांजगीर चांपा जिले में 16 तो इतने ही शैक्षणिक जिले सक्ती में भी इतने ही स्कूल भवन विहीन हैं। कोई स्कूल हाईस्कूल भवन में तो कोई स्कूल मिडिल स्कूल के भवन में संचालित हो रहा है।
कई स्कूलों के भवन बनकर तैयार है, लेकिन भवन में बिजली पानी जैसे कई खामियां होने के कारण संबंधित स्कूल के प्राचार्य भवन को हैंडओवर लेने तैयार नहीं है। स्कूलों में अभी भी सैकड़ों शिक्षकों (CG School Reopening 2024) की कमी बरकरार है। छह माह पहले प्राइमरी स्कूल के एक हजार से अधिक शिक्षकों का मिडिल स्कूल के हेडमास्टर के लिए प्रमोशन हुआ है। इसके बाद तकरीबन 61 प्राइमरी व मिडिल स्कूल के शिक्षकों का पोस्ट खाली है। जिसमें आज भी एकल शिक्षकीय स्कूल बना हुआ है।
स्कूल जतन योजना के तहत 522 स्कूल भवनों का निर्माण हो रहा है। इससे भवन की समस्या सुलझ जाएगी। वहीं एकल शिक्षकीय स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना कर शिक्षकीय व्यवस्था बनाई जा रही है।
  • अश्वनी कुमार भारद्वाज, डीईओ, जांजगीर

कवर्धा : 402 डिस्मेंटल योग्य स्कूलों में फिर से संचालित होंगी कक्षाए

इस शिक्षा सत्र में भी हजारों बच्चे जान हथेली पर लेकर कक्षाओं में पढ़ाई करेंगे क्योंकि यहां पर 402 शासकीय स्कूल भवन जर्जर और डिस्मेंटल योग्य हो चुके हैं। बाजवूद वहां पर कक्षाएं संचालित होती है। जिले में शासकीय स्कूल से नींव गढऩे वाले बच्चों का भविष्य जर्जर और तोडऩे योग्य भवन से शुरू होता है। कबीरधाम जिले में कुल 1494 शासकीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्कूल हैं, लेकिन इसमें से 402 स्कूल भवन जर्जर हैं या तोडऩे लायक हो चुके हैं। हालात तो ऐसे हैं कि 168 स्कूल भवन पूरी तरह से कंडम हो चुके हैं।
दीवारों में दरारें पड़ चुकी हैं और बरसात में छत से भी पानी टकपते रहता है। कहीं-कहीं तो छत ही गिर चुकी हैं तो कहीं दीवार ढह चुके हैं। कभी भी छत के प्लास्टर गिर जाते हैं। शिक्षा विभाग द्वारा इन स्कूल भवनों का निरीक्षण का इसे तोडऩे योग्य करार दे दिया गया। बता दें कि कवर्धा, पंडरिया, सहसपुर लोहारा और बोड़ला ब्लॉक अंतर्गत कुल 234 स्कूल जर्जर हो चुके हैं। मतलब इन स्कूलों को मरम्मत की आवश्यकता है। इसमें मुख्य रूप से 139 प्राथमिक स्कूल, 81 पूर्व माध्यमिक स्कूल, 4 हाईस्कूल और 10 हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं जो जर्जर हैं। बावजूद इसकी मरम्मत नहीं हो पा रही है, जबकि इन विद्यालयों में कहीं-कहीं प्लास्टर गिर जाता है तो काफी सीलन आ जाती है।
CG School Reopening 2024
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CG School Reopening 2024: भरभरा कर गिरा छत, टूट गई दीवार

जिले के चारों विकासखंड अंतर्गत कुल 168 स्कूल हैं जो शिक्षा विभाग के अनुसार तोडऩे लायक हो चुके हैं। मतलब इन स्कूलों की हालात बेहद नाजुक हैं। इसमें 110 प्राथमिक स्कूल भवन हैं, जहां पर छह से 10 साल के मासूम बच्चे पढ़ेगे। वहीं 57 पूर्व माध्यमिक स्कूल भवन भी है जो बेहद जर्जर हो चुके हैं और तोडऩे योग्य हैं।
10 दिन पूर्व ही बोड़ला विकासखंड के ग्राम चमारी का शासकीय प्राथमिक शाला का छत भरभरा कर गिर गया। गमीनत रही कि अभी स्कूल संचालित नहीं है अन्यथा बढ़ा हादसा हो जाता। वैसे बड़ा हादसा होते-होते बचा, क्योंकि स्कूल से ही लगा हुआ आंगनबाड़ी केंद्र हैं जहां पर बच्चे मौजूद थे। जब छत गिरा तो आंगनबाड़ी में बच्चे और कर्मचारी मौजूद थे।
डिस्मेंटल योग्य भवन में बच्चों को नहीं बैठाया जाएगा। आसपास जो भी अन्य स्कूल के भवन या फिर शासकीय भवन वहां पर कक्षाएं संचालित कराएंगे। वहीं जर्जर स्कूल भवनों के मरम्मत के लिए शासन को पत्र लिखा जा चुका है। जैसे ही वहां से मरम्मत कार्य के लिए राशि स्वीकृत होती है तुरंत ही मरम्मत कार्य कराया जाएगा।
योगेशदास साहू, डीईओ, कबीरधाम

राजनांदगांव : सैंकड़ों स्कूल जर्जर, खतरों के बीच करेंगे पढ़ाई बच्चे

शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूलों का जीर्णोद्धार कराने की बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं, जिसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ सकता है। नए जिले मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के औंधी समीप स्थित आलकन्हार गांव स्थित प्राथमिक शाला भवन जर्जर है। बच्चों को सांस्कृतिक मंच में बिठाकर पढ़ाई कराते हैं। बारिश में तो स्कूल बंद होने की नौबत आ जाती है। राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-चौकी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में करीब 424 स्कूल जर्जर थे। जिसमें 265 स्कूल बिल्डिंग की मरम्मत हो पाई है।
150 स्कूलों में कार्य प्रगति पर है। वहीं 9 जर्जर स्कूलों की मरम्मत अब तक शुरू नहीं हो पाई। इसके अलावा कुछ जर्जर स्कूलों की मरम्मत के लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा मांग पत्र नहीं देने की भी बात (CG School Reopening 2024) सामने आ रही है। ऐसे में नौनिहाल अपने नए सत्र की पढ़ाई की शुरुआत उसी पुराने और जर्जर स्कूलों में करेंगे। जर्जर स्कूलों में बारिश के दिनों में पढ़ाई नहीं हो पाती। तेज बारिश के बाद पढ़ाई रोक दी जाती है।
कई अभिभावक डर के चलते अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते। सबसे खराब स्थिति खैरागढ़ ब्लॉक के स्कूलों की है। करीब 12 से अधिक स्कूल भवन विहीन हैं, जहां अध्ययनरत दो हजार 942 बच्चों को परिसर में अन्य जगह पढ़ाया जा रहा है। यही नहीं डोकराभाठा, सिंघौरी, इटार, कुर्रूभाठ, मदराकुही हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल की कक्षाएं परिसर में निर्मित अतिरिक्त कक्षा में अथवा पूर्व माध्यमिक शाला के भवन में लग रही है।
CG School Reopening 2024
CG School Reopening 2024

आंकड़ों में जर्जर स्कूलों की स्थिति

स्वीकृत कार्य 424

पूर्ण कार्य 265

प्रगतिरत 150

अप्रारंभ 09

CG School Reopening 2024: जिले में सरकारी स्कूलों की संख्या

प्राथमिक शाला-1842
माध्यमिक शाला-787

हाई स्कूल-129

हायर सेकेंडरी-201

शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले ज्यादातर जर्जर स्कूलों की मरम्मत हो जाएगी। कुछ स्कूलों में काम शुरू नहीं हुआ है, लेकिन वहां अतिरिक्त कक्ष की व्यवस्था है। जल्द ही वहां भी काम कराया जाएगा।
अभय जायसवाल, डीईओ राजनांदगांव

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