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रायपुर

CG Road Accident: लापरवाही का नतीजा! जिस हाइवे पर सर्विस रोड बनाने में आनाकानी, उस पर 265 हादसे, 52 मौत

CG Road Accident: रायपुर के पचपेड़ीनाका से शदाणी दरबार बोरियाकला लेकर प्रशासन एकेडमी निमोरा तक जगदलपुर रोड डेंजर जोन में तब्दील हो गई है। फिर भी आनाकानी जारी है।

रायपुरSep 23, 2024 / 09:29 am

Shradha Jaiswal

CG Road Accident: छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर के पचपेड़ीनाका से शदाणी दरबार बोरियाकला लेकर प्रशासन एकेडमी निमोरा तक जगदलपुर रोड डेंजर जोन में तब्दील हो गई है। नेशनल हाइवे की इस सड़क पर सर्विस रोड नहीं होने से लोग लगातार हादसे का शिकार हो रहे हैं। फिर भी आनाकानी जारी है।
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CG Road Accident: नेशनल हाइवे सड़क बढ़ रहें हादसे

CG Road Accident: जबकि सड़क सुरक्षा की रिपोर्ट हर किसी के रोंगटें खड़ी कर देने वाली है। राजधानी के इस राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर तीन सालों में 265 सड़क हादसे हुए। 52 लोगों की जिंदगी चली गई और 171 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। फिर भी एनएचएआई के जिम्मेदार बेफिक्र हैं। हद तो यह है कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारियों को सड़क हादसे में चाहे कितनी जानें चली जाए, कोई परवाह नहीं है।
CG Road Accident: जबकि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गड़करी का नेशनल हाइवे सड़क पर दुर्घँटनाएं रोकने का जिक्र करते रहे हैं। परंतु उस अमल नहीं किया जाता है। क्योंकि, क्षेत्रीय अधिकारियों ने नौ साल पहले राजधानी के पचपेड़ीनाका से शदाणी दरबार तक सर्विस रोड बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण कराकर शासन के अधीन करा लिया। जब प्रभावितों को मुआवजा देकर निर्माण कराने की बारी आई तो कोर्ट-कचहरी में उलझाने में जुट गए, ताकि सर्विस रोड का निर्माण कैसे भी टाला जा सके।

लंबी कानूनी लड़ाई से मिली जीत

इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर सर्विस रोड के मुद्दे पर सामाजिक कार्यकर्ता विजय सिंह ठाकुर ने पीआईएल दायर कर कानूनी लड़ाई लड़ी। उन्होंने बताया कि सबसे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय से प्रमाणित दस्तावेज हासिल किया। फिर एनएचएआई के अधिकारियों ने हाईकोर्ट में जो याचिका दायर की थी, उस पर जीत हासिल की। कोर्ट में यह प्रमाणित हुआ कि राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 के तहत अधिग्रहित भूमि का अवार्ड पारित हो जाने पर उसे प्रभावितों को वापस करने का कोई प्रावधान ही नहीं है। बल्कि वह भूमि शासन के अधीन हो जाती है। इसके बावजूद एनएचएआई (NHAI) के जिम्मेदार अधिकारी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके समय बर्बादी का खेल खेल रहे हैं।

हादसे रोकने कोई ठोस कदम नहीं उठाया

राजधानी के इस हाइवे सड़क एनएच-30 पर सड़क हादसे रोकने 23 सितंबर 2022 को पीडब्ल्यूडी राष्ट्रीय राजमार्ग के मुख्य अभियंता ने पत्र भेजा। यह जिक्र करते हुए कि पचपेड़ीनाका, एमएमआई हॉस्पिटल से प्रशासन अकादमी निमोरा तक 12 किमी तक 110 मीटर चौड़ीकरण का विस्तार किया जाए। इस मामले में सड़क सुरक्षा पुलिस मुख्यालय का भी हवाला दिया था। परंतु उस पत्र को रद्द में डाल दिया गया, जिसका खामियाजा रोड से आने-जाने वालों को भुगतना पड़ रहा है।

हादसे के आंकड़े हैरान करने वाले

सड़क सुरक्षा एजेंसी की रिपोर्ट इस राष्ट्रीय राजमार्ग को लेकर रोंगटे खड़ी कर देने वाली है। एआईजी संजय शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में तीन वर्षों का आंकड़ा 2019, 2020, 2021 व 2022 जनवरी से अगस्त का उल्लेख करते हुए 265 दुर्घटनाओं में 52 लोगों को मौत एवं 171 व्यक्तियों के घायल होना चिंताजनक करार दिया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर सर्विस रोड अनिवार्य है। परंतु राजधानी के पचपेड़ीनाका-जगदलपुर हाइवे पर नहीं होने के कारण लगातार दुर्घटनाएं हुई हैं। 110 मीटर चौड़ीकरण प्रस्तावित है। केंद्रीय परिवहन विभाग के साथ होने वाली बैठक में ऐसे मुद्दे रखे जाते हैं।
पुलिस मुख्यालय की अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) के अध्यक्ष एआईजी ट्रैफिक संजय शर्मा की रिपोर्ट भी दरकिनार की जा रही है। उन्होंने 21 सितंबर 2022 की रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि राजधानी के एनएच-30 रायपुर लालपुर हॉस्पिटल से प्रशासन एकेडमी निमोरा तक 12 किमी तक सड़क की चौड़ाई 110 मीटर करने पत्र राष्ट्रीय राजमार्ग परिक्षेत्र को भेजा। जिसमें जिक्र किया कि यह फोरलेन है, परंतु सर्विस रोड नहीं के कारण लगातार दुर्घटनाएं होती है। क्योंकि, इस राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों तरफ आबादी क्षेत्र और व्यावसायिक परिसर बढ़े हैं। उस पर कोई अमल नहीं हुआ।

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