ईओडब्ल्यू की ओर से उपसंचालक अभियोजन मिथलेश वर्मा ने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए आपत्ति जताई। साथ ही अदालत को बताया कि ईडी ने जब गिरफ्तार किया था उस समय भी मेडिकल इमरजेंसी बताया गया था। इसके बाद उन्हें अस्पताल भेजा गया था। एक बार फिर मेडिकल ग्राउंड पर जमानत लेने आवेदन दिया गया है। इसे देखते हुए अनवर ढेबर की ओर से पेश मेडिकल दस्तावेज़ों का मेडिकल बोर्ड से परीक्षण कराए जाने की आवश्यकता है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि उनके पक्षकार किडनी पेशेंट हैं। जेल में सर्जन नहीं है। इसलिए निजी अस्पताल में उपचार कराने की अनुमति मांगी गई थी।
इस आवेदन पर 2 मई को जेल अधीक्षक को आदेशित किया था कि अनवर ढेबर का उपचार कराया जाए। इसके बाद भी उनके पक्षकार को अस्पताल या विशेषज्ञ चिकित्सक के पास नहीं ले ज़ाया गया है। विशेष न्यायाधीश ने एसपी रायपुर को आदेश दिया है कि जेल चिकित्सक के परामर्श अनुसार तत्काल उपचार के लिए अस्पताल ले जाने पर पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध कराएं।
न्यायिक रिमांड 30 तक बढ़ी
ईओडब्ल्यू ने शराब घोटाले में जेल भेजे गए अनवर,
अरविंद, ढिल्लन और एपी त्रिपाठी को विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया। इस दौरान अभियोजन पक्ष ने बताया कि इस समय प्रकरण की जांच चल रही है। इसलिए न्यायिक रिमांड को 30 मई तक बढ़ाने का अनुरोध किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।