इसकी वजह से सियासी समीकरण पूरी तरह बिगड़ गया। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भी इसी प्रकार की िस्थति बनी थी। झीरम कांड होने के बाद भी कांग्रेस को सत्ता की चाबी नहीं मिल सकी थी। कवर्धां और साजा विधानसभा सीट में कांग्रेस के दिग्गज नेता मोहम्मद अकबर को हार का सामना करना पड़ा। यहां भाजपा ने हिंदुत्व का कार्ड खेला है।
एक समय कांग्रेस में बिखराव की स्थिति निर्मित हो गई थी। वरिष्ठ नेताओं के बीच विवाद सार्वजनिक रूप से सामने आए। इसके बाद कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए अपने नेताओं को एकजुट करने की रणनीति बनाई थी। इसी के तहत डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम को मंत्री पद से हटकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को मंत्री बनाया था। वहीं टीएस सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाया गया। इसके बावजूद वे अपनी विधानसभा की सीट नहीं बचा सके।