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CG Dog Bite: बिलासपुर की घटना के बाद जागे
बता दें कि बिलासपुर में पिछले दिनों खूंखार कुत्तो ने एक साथ आठ बच्चों को नोंच-नोंच कर घायल कर दिया था। इस घटना से लोगों के निकाय प्रशासन पर भारी आक्रोश था। आवारा श्वानों की बढ़ती संख्या और खूंखार होने के कारण लोगों का रास्ते में चलना मुश्किल हो गया है। बिलासपुर की घटना के बाद संचालनालय नगरीय प्रशासन विभाग ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग द्वारा 16 जुलाई को शासन को लिखे पत्र में की गई सिफारिशें प्रदेशभर के निकायों में लागू करने को कहा गया है।इन उपायों पर करना होगा काम
खेल मैदानों के आसपास खाना न खिलाएं: बच्चों को श्वानों के काटने की घटना को कम करने के लिए पशु जन्म नियंत्रण नियम 2023 के अनुसार खेल मैदानों के आसपास श्वानों को खाना खिलाने पर रोक लगाई जाए। स्कूलों और आंगनबाड़ियों को सुरक्षित बनाएं: स्कूलों और आंगनबाड़ियों को पशु जन्म नियंत्रण नियम 2023 के अनुसार बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण स्थापित करना आवश्यक है। नगरीय निकाय अपने अधिकार क्षेत्र में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय किया जाए।
क्रेच सुविधा: निकायों को निर्माण स्थलों और जहां मजदूर रहते हैं, वहां श्वान के काटने की घटनाएं अधिकतर रूप से पाई जाती है। इसलिए निर्माण स्थलों पर क्रेच सुविधा और डे- केयर अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाएं।
पालतू पशु स्वामित्व नीतियां बनाई जाए: बच्चों को श्वान के काटने की घटना को कम करने के लिए पालतू पशु स्वामित्व नीतियां बनाई और उसे लागू किया जाए। जिसमें सभी पालतू जानवरों के लिए अनिवार्य पंजीयन, नसबंदी और टीकाकरण का रिकॉर्ड रखा जाए।
नसबंदी कार्यक्रम: बच्चों की सुरक्षा के लिए पशुओं की नसबंदी नगरीय निकायों को उनके अधिकार क्षेत्र में विशेषकर आंगनबाड़ियों और स्कूलों जैसे क्षेत्रों में श्वानों की अनिवार्य रूप से नसबंदी की जाए। साथ ही, कुत्ते के काटने की घटना न हो इसके लिए पशु जन्म नियंत्रण नियम 2023 में उल्लेखित प्रोटोकॉल का पालन किया जाए।