scriptबिलासपुर व जगदलपुर में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए केवल बिल्डिंग तैयार, मशीन एक भी नहीं लगी, न डॉक्टर और न दूसरा स्टाफ | building ready for super specialty hospital in Bilaspur and Jagdalpur | Patrika News
रायपुर

बिलासपुर व जगदलपुर में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए केवल बिल्डिंग तैयार, मशीन एक भी नहीं लगी, न डॉक्टर और न दूसरा स्टाफ

Super Specialty Hospital In Bilaspur And Jagdalpur : सीएम विष्णुदेव साय ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को फरवरी तक सभी का पूरा करने को कहा है।

रायपुरDec 19, 2023 / 02:31 pm

Kanakdurga jha

super_specility_hospital.jpg
Super Specialty Hospital : बिलासपुर व जगदलपुर में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की केवल बिल्डिंग तैयार है। अस्पताल के लिए न डॉक्टरों की भर्ती की गई है और न ही नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की। सीएम विष्णुदेव साय ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को फरवरी तक सभी का पूरा करने को कहा है। ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मार्च के पहले सप्ताह में जनता को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की सौगात दे सके। दोनों ही अस्पताल केंद्र प्रवर्तित योजना के तहत बन रहा है।
यह भी पढ़ें

CG Polics Bharti : पुलिस विभाग में 6000 पदों पर निकली भर्ती, 12वीं पास भी कर सकते है अप्लाई, देखें डिटेल्स



इसमें केंद्र 60 तथा राज्य सरकार ने 40 फीसदी फंड दिया है। काम की गति को देखते हुए लगता नहीं कि फरवरी तक डॉक्टर समेत नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती हो पाएगी। सभी मशीनें भी पूरी तरह लग जाए, इसकी संभावना कम है। दरअसल डॉक्टरों की भर्ती सीजीपीएससी से होगी। ऐसा नहीं करने पर कॉलेज प्रबंधन संविदा भर्ती करेगा। डीकेएस में अच्छी सैलरी होने के बाद भी वहां गैस्ट्रोलॉजिस्ट, ब्लड कैंसर विशेषज्ञ के पद खाली है। वहीं बाकी विभागों में एक से दो डॉक्टर ही सेवाएं दे रहे हैं।
अगले साल प्रदेश को दो सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की सौगात मिलने जा रही है। सीएम साय के निर्देश के बाद पत्रिका ने बिलासपुर व जगदलपुर में अस्पतालों की स्थिति की पड़ताल की। वहां के डीन व दूसरे अधिकारियों से बात कर जाना कि ये अस्पताल अभी किस स्थिति में है। बिलासपुर में बिल्डिंग पूरी तरह तैयार है, लेकिन सभी कमरों में बिजली नहीं लग पाई है। ऑपरेशन थिएटर नहीं बना है।
ऐसे में जरूरी मशीनें भी नहीं लगाई जा सकी हैं। एमआरआई, सीटी स्कैन व सोनोग्राफी मशीनों का भी पता नहीं है। कोनी में नई बिल्डिंग बनी है। वहां सिम्स को 45 एकड़ जमीन मिली है। वहां अस्पताल बिल्डिंग बनी है। आने वाले दिनों में स्टाफ क्वार्टर भी बनाए जाएंगे। जगदलपुर में भी कमोबेश यही स्थिति है। जगदलपुर में बिल्डिंग का काम कुछ बाकी है। कुछ छोटे मशीनों को लगाने का काम जारी है।
यह भी पढ़ें

IT Raid : 50 ठिकानों पर इनकम टैक्स की छापेमार कार्रवाई… 500 करोड़ की पकड़ाई गड़बड़ी, जांच जारी



डीकेएस में संविदा प्रोफेसर को ढाई लाख, आंबेडकर में 2 लाख भी नहीं

डीकेएस में संविदा प्रोफेसर को हर माह ढाई लाख जबकि नियमित प्रोफेसर को दो लाख रुपए वेतन मिल रहा है। संविदा एसोसिएट प्रोफेसर को सवा दो लाख जबकि रेगुलर को 1.55 से 1.75 लाख, संविदा असिस्टेंट प्रोफेसर को 1.25 लाख व रेगुलर को 95 हजार के आसपास वेतन मिल रहा है। गौर करने वाली बात ये है कि आंबेडकर में कार्यरत कार्डियक सर्जन, डीकेएस में कार्यरत रेगुलर न्यूरो सर्जन व प्लास्टिक सर्जन को संविदा सुपर स्पेश्यालिटी डॉक्टरों से कम वेतन मिल रहा है। वेतन बढ़ाने शासन को प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन शासन तीन राज्यों के डॉक्टरों का वेतन मंगा रहा है। इससे वेतन बढ़ाने का मामला अधर में है। अलग कैडर भी नहीं बनने से डॉक्टर हलाकान हैं।
ये छह विभाग होंगे

न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, कार्डियो थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी, नेफ्रोलॉजी व यूरो सर्जरी

….

आंबेडकर व डीकेएस के सुपर

स्पेश्यालिटी डॉक्टरों का वेतन

अस्पताल प्रोफेसर एसोसिएट प्रोफेसर असिस्टेंट प्रोफेसर
आंबेडकर 2.15 1.55 0.95

डीकेएस 2.50 2.25 1.25

कहां से आएंगे कार्डियोलॉजिस्ट कार्डियक सर्जन व न्यूरो सर्जन

दोनों सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों के लिए डॉक्टर ढूंढ़ना काफी मुश्किल लग रहा है। दरअसल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में महज एक कार्डियोलॉजिस्ट सेवाएं दे रहे हैं। वहीं दो कार्डियो थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जन देवाएं दे रहे हैं। तीनों ही नियमित हैं। किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ये दोनों विभाग केवल रायपुर में संचालित है। वहीं डीकेएस में न्यूरो सर्जन, न्यूरोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट व यूरो सर्जन सेवाएं दे रहे हैं। न्यूरो सर्जन रेगुलर एक ही हैं। इसके अलावा 6 संविदा में सेवाएं दे रहे हैं। जबकि नेफ्रोलॉजिस्ट व यूरो सर्जन संविदा में है। गैस्ट्रो सर्जन व ब्लड कैंसर विशेषज्ञ नौकरी छोड़कर जा चुके हैं। जबकि गेस्ट्रोलॉजिस्ट एक भी नहीं है।
समीक्षा बैठक के बाद बिलासपुर व जगदलपुर में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल फरवरी तक शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए पहले ही केंद्र सरकार से फंड मिल चुका है।
-डॉ. विष्णु दत्त, डीएमई छत्तीसगढ़
बिल्डिंग तो बन गई है, लेकिन मशीनें नहीं लग पाई हैं। डॉक्टर समेत नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती अभी नहीं हुई है। क्लास 3-4 की भर्ती व्यापमं से कराने का प्रस्ताव है।
-डॉ. केके सहारे, डीन सिम्स बिलासपुर
बिल्डिंग निर्माण का काम अंतिम चरण में है। कुछ मशीनें लगाई जा रही हैं। सुपर स्पेशलिटी डॉक्टरों व दूसरे स्टाफ की भर्ती नहीं हुई है। इस पर डीएमई को पत्र लिखा जाएगा।
-डॉ. यूएस पैकरा, डीन मेडिकल कॉलेज जगदलपुर

Hindi News/ Raipur / बिलासपुर व जगदलपुर में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए केवल बिल्डिंग तैयार, मशीन एक भी नहीं लगी, न डॉक्टर और न दूसरा स्टाफ

ट्रेंडिंग वीडियो