Black Magic: काला जादू जानने वाली होती है टोनही
Black Magic: टोना- टोटका शब्दों का उपयोग किसी चमत्कार की उम्मीद से किए गए उपाय के लिए किया जाता है। नुकसान पहुंचाने की नीयत से किए जाने वाले कार्य को टोना कहते हैं। वहीं आमतौर पर संभावित नुकसान से बचने के लिए किए गए उपाय को टोटका कहते हैं। दानों स्थितियों में जो उपाय किए जाते हैं वे तंत्र मंत्र या पूजा पाठ जैसी साधना पर आधारित होते हैं इस तरह टोनहीं शब्द का स्त्री रूप है।
Black Magic: ऐसे बनती है टोनही
ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी यह मानते है कि महिलाएं तंत्रमंत्र का उपयोग कर टोनही बनती हैं। लोक संस्कृतिकार डॉ विजय चौरसिया ने बताया कि एेसी मान्यता है कि पुरूष गुनिया की तरह ही महिलाएं भी गुनाई जानती हैं। उनमें टोनही भी होती हैं। जिस महिला को टोनही विद्या सीखनी होती है वह रात में मरघट जाती है। वहां मृत किसी महिला अथवा बच्चे के शव को बाहर निकालती है। उस समय वह निर्वस्त्र रहती है।
CG Black Magic: अपने ही मल से स्थान को लीपती है। वहां एक जलता हुआ दीपक रखती हैं। वे इस बात का जरूर ध्यान रखती हैं कि इस मंत्र क्रिया को कोई देख न पाए। यदि किसी ने देख लिया तो उसकी सिद्धी पूरी नहीं होती है। मंत्रों के माध्यम से वह मृतक की आत्मा को जगाती है। इस तरह वे निरंतर इस क्रिया को करते करते पारंगत टोनही बन जाती हैं। कहते हैं कि एेसी महिलाएं किसी जिंदा आदमी का खून भी चूस सकती हैं।
CG Black Magic News: गांव में बैगा बताते हैं टोनही का राज
दुलार बैगाा भूत प्रेत, डायन, टोनही के प्रकोप से बचाने का दावा करता है। ( CG Black Magic News) यह भी बताया कि हरियाली अमावश्याा के दिन पूरे गांव को मंत्रो से बांध दिया है यहां अब टोनही डायन या भूत प्रेत का कोई असर नहीं होगा। हर एक गांव में दो तरह के बैगा होते है।
CG Black Magic: स्वार्थ के लिए बनाते हैं टोनही
अंध श्रद्धा निर्मलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्रा के अनुसार प्रदेश में टोनही प्रताडऩा के मामलों में यह देखा गया है कि कभी भी सभ्रांत और सामथ्र्यवान परिवार की महिलाओं पर टोनही होने का आरोप नहीं लगाया गया है। जबकि गरीब,असहाय, विधवा, निराश्रित, वृद्ध महिलाएं ही टोनही प्रताडऩा का शिकार हुई हैं। समाज के कथित बदनियत लोगों के द्वारा कमजोर महिलाओं को टोनही बता दिया जाता है। टोनहीं मामलों की पड़ताल से यह साबित होता है कि महिलाओं पर लगे आरोप अंधविश्वास या निजी स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए लगाए गए हैं। जमीन जायदाद हड़पने या गलत मंशा को पूरा करने के इरादे से भी महिलाओं को टोनही बता दिया जाता है।
टोनही निवारण के लिए बना कानून बेअसर
छत्तीसगढ़ सरकार ने टोनही प्रताडऩा निवारण अधिनियम – 2005 बनाकर महिलाओं के संरक्षण में ठोस पहल की। इस कानून के तहत आरोपियों को 5 साल का कारावास के साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है। टोनही की पहचान करने पर, टोनही को प्रतिडि़त करने पर अभिकथित उपचार करने पर, टोनही होने का दावा करने के लिए, अपराध कारित करने के प्रयास करने पर कठोर कार्रवाई के लिए यह कानून बना है। इसके अलावा अपराध का संज्ञेय तथा अजामानतीय होना- दंड प्रकिया संहिता 1973(1974 का संख्याक 2)में अंतर्विष्ट किसी अन्य बात पर। यह तमाम कानून तो बनाए गए पर ये कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। इस कानून व्यापक प्रचार प्रसार व समाज में जागरूकता लाने की ओर ध्यान देना होगा।