CG Election: अब उन्हें वार्डों के साथ महापौर और अध्यक्ष के लिए आरक्षण प्रक्रिया होने का इंतजार है। इस बार कांग्रेस के सामने शहरी सत्ता को बचाए रखने की चुनौती होगी, तो भाजपा के सामने विधानसभा, लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव की तर्ज पर जीत का सिलसिला बरकरार रखने का दबाव होगा।
CG Election: भाजपा ने मंडल और जिला अध्यक्ष चुनाव के साथ शुरू की तैयारी
भाजपा में संगठन चुनाव चल रहा है। इस वजह से पहले से ही भाजपा के कार्यकर्ता और नेता सक्रिय हो गए हैं। उनकी सक्रियता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वे संगठन के चुनाव के साथ-साथ नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर भी मंथन कर रहे हैं। इसके लिए पार्षद और महापौर की टिकट के दावेदारों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। वे लगातार अपने वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं। इसके अलावा दिल्ली से आने वाले वरिष्ठ नेताओं से भी मेल जोल बढ़ा रहे हैं। बता दें कि इस बार भाजपा सरकार ने महापौर चुनने का अधिकार वापस जनता को दे दिया है। इस लिहाज से माना जा रहा है कि शहरी क्षेत्रों में भाजपा को इसका लाभ मिलेगा। इसके अलावा भाजपा में निकाय चुनाव को लेकर संभागवार बैठकों का एक दौर भी पूरा हो गया है। इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कार्यकर्ताओं को पहले ही रिचार्ज कर दिया है।
इधर, कांग्रेस में बदलाव की चर्चा के बीच उलझन
कांग्रेस में भी नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। हालांकि कांग्रेस में संगठन में बदलाव की चर्चा जोरशोर से चल रही है। चर्चा है कि करीब 15 से 20 जिलों के जिलाध्यक्षों को बदला जा सकता है। बदलाव की चर्चा के बीच कांग्रेस के कार्यकर्ता थोड़ा उलझन में है। उन्हें यह समझने में दिक्कत हो रही है कि टिकट के लिए कहा प्रयास किया जाएगा। हालांकि चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। उन्होंने वार्ड में बैठकों का भी दौर शुरू कर दिया है। वहीं चुनावी तैयारियों को लेकर कांग्रेस ने 11 दिसम्बर को राजीव भवन में एक अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में प्रदेश के सभी जिलाध्यक्ष शामिल होंगे। बता दें कि पिछले निकाय चुनाव में कांग्रेस का दबदबा रहा था। प्रदेश के सभी 14 निगम में कांग्रेस के पार्षद महापौर चुने गए थे।