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लोक सेवा गारंटी से निगरानी, उसका भी तोड़ राज्य सरकार ने आम जनता के कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए लोक सेवा गारंटी अधिनियम लागू किया है। अहम बात यह है कि समय पर कार्यालय पर आने पर दूर लोक सेवा गारंटी के प्रकरण लंबित होने पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है। हालांकि राजस्व विभाग में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत आने वाले कार्यों की पेंडेंसी कम करने के लिए निरस्तीकरण का हल निकाल लिया गया है। सिर्फ रायपुर तहसील में ही 4 हजार 102 प्रकरण निरस्त किए गए हैं। यह भी पढ़ें
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आईटी फर्म में बायोमैट्रिक सिस्टम वीआईपी चौक स्तिथि एक बड़े आईटी फर्म के प्रबंधक ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि संस्थान जब से रायपुर में काम कर रहा है तब से बायोमैट्रिक सिस्टम लगा है। कोरोना के बाद भी एक साल तक सिस्टम लागू नहीं किया गया था, जिसके कारण उपिस्थति तो प्रभावित हुई। इसके साथ ही निर्धारित टारगेट में भी पिछड़ रहे थे। फिर बायोमैट्रिक सिस्टम से उपिस्थति शुरू हुई। अब बेहतर परिणाम आ रहे हैं।अस्पतालों में बायोमैट्रिक सिस्टम जरूरी
राजधानी के सभी निजी अस्पतालों में बायोमैट्रिक उपिस्थति रेकार्ड हो रही है। पचपेढ़ी नाका िस्थत एक कैंसर अस्पताल के प्रबंधक ने बताया कि अस्पताल आवश्यक सेवाओं में आता है। यहां समय मरीज के जीवन-मृत्यु की तरह अनमोल है। इसलिए बायोमैट्रिक सिस्टम बीते 10 वर्षों से लगाया गया है। जब पहली शिफ्ट के कर्मचारी आते हैं तभी दूसरे शिफ्ट की छुट्टी होती है। इसलिए यह सिस्टम अनिवार्य है।
बायोमैट्रिक सिस्टम से संस्थान को फायदा
प्रोग्रेसिव प्वाइंट लालपुर की एक फायनेंस कंपनी के उप प्रबंधक ने बताया कि प्रशासनिक कर्मचारियों द्वारा ली गई छुट्टियों की रिकॉर्डिंग, साथ ही आधे दिन, देर से चेक-इन, ओवरटाइम या अतिरिक्त दिन की भी गणना आसान हो जाती है। पहले हमारे कार्यालय में अकाउंटेंट के तीन सहायक होते थे अब सिर्फ एक ही है। इस सिस्टम के मदद से हर माह की 1 तारीख को वेतन दे दिया जाता है।
निजी संस्थानों के प्रबंधकों के मुताबिक लाभ
– स्टाफ की ट्रैकिंग और निगरानी आसान हो जाती है और उनकी गणना आसान हो जाती है।
– भारी रजिस्टरों और स्प्रेड शीटों की आवश्यकता के बिना उपस्थिति रिकॉर्ड आसानी से बनाया जा सकता है।
– एक बटन के स्पर्श पर समेकित और श्रेणी-वार रिपोर्ट तैयार हो जाती है। जिससे वेतन रेकार्ड बनाने में सहूलियत होती है।
– उपिस्थति का विश्लेषण त्वरित और सटीक हो जाता है, दैनिक, मासिक, वार्षिक और श्रेणी-वार रिपोर्ट और रुझान सचित्र या ग्राफिकल प्रारूप में डैशबोर्ड पर दिखाई देते हैं।
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