इन्हीं दस्तावेजों से मोबाइल सिम भी लिए गए हैं। इन सिमों का इस्तेमाल आईडी, पैनल के अलावा सट्टे के पैसों का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए भी होता था। पुलिस ने जब्त पासबुक और उनके खाताधारकों की जानकारी संबंधित बैंकों से मांगी है। उल्लेखनीय है कि पुणे के दो लैट में छापा मारकर रायपुर पुलिस ने 26 सट्टेबाजों को गिरतार किया था। इसमें 30 करोड़ से ज्यादा के लेन-देन का खुलासा हुआ है।
पैनल का रेट बढ़ाया
महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और शुभम सोनी फरार हैं। आरोपियों ने छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में ऑनलाइन सट्टा चलाने के लिए पैनल बेचने के लिए एजेंट लगा रखे हैं। सूत्रों के मुताबिक रायपुर, दुर्ग-भिलाई में अलग-अलग लोग पैनल बेच रहे हैं। पहले 25 से 30 लाख रुपए में पैनल बेचा जाता था। अब इसे 50 लाख रुपए तक कर दिया गया है। रायपुर में कुछ पैनल बेचने वालों को पिछले साल एसीसीयू की टीम ने उठाया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई थी। इसके करीब 1 माह बाद पुलिस ने सिविल लाइन थाने में आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया था। यह भी पढ़ें
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फरार आरोपियों की तलाश
पुणे में पैनल चलाने वाले पप्पू जेठवानी और उसके साथियों के अलावा तिल्दा के एक राजनीतिक दल के युवा विंग से जुड़े मोहित, रायपुर के जय और करण की भी तलाश की जा रही है। सभी आरोपी पुणे में अलग-अलग जगह महादेव सट्टा ऐप का पैनल चला रहे थे। सट्टेबाजों के पास मिले बैंक खातों में करोड़ों रुपए के लेन-देन हुए हैं। पुलिस इन लेन-देन की बारीकी से जांच कर रही है। अंतिम ट्रांजेक्शन जिन बैंक खातों में हुआ है, उनकी जानकारी संबंधित बैंकों से मांगी गई है। पकड़े गए 26 आरोपियों के पास से 81 एटीएम कार्ड मिले हैं, जो दूसरों के नाम पर हैं। ऑनलाइन लेन-देन के अलावा एटीएम कार्डों से भी कैश निकाला जाता था। इसके बाद इस राशि को पैनल चलाने वाले पप्पू जेठवानी और उसके सहयोगियों तक जाता था। वहां से हवाला के जरिए महादेव ऐप वालों के पास पहुंचता है।