शिक्षा विभाग ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को पत्र भेजकर सिफारिश की थी कि केंद्र नए स्कूलों को व्यावसायिक शिक्षा योजना में शामिल करे। इसे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की पीएबी (प्रोग्राम अप्रूवल कमेटी) ने सहमति दे दी है। सरकार से बजट राशि मिलते ही प्रदेश में स्कूलों का चयन करके विद्यार्थियों को कक्षा नौवीं से व्यावसायिक शिक्षा में दाखिल होने का अवसर दिया जाएगा।
वोकेशनल स्कूल के स्टूडेंट्स को 10 ट्रेड में से किसी एक ट्रेड को विषय के रूप में चुनने का मौका मिलेगा। इनमें बैंकिंग फाइनेंस, एनिमेशन और मल्टीमीडिया ट्रेड, टेलीकम्यूनिकेशन, एग्रीकल्चर, आईटी, रिटेल, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, ब्यूटी वेलनेस और हैल्थ केयर शामिल है। प्रत्येक स्कूल में दो-दो ट्रेड ही लागू होंगे। हर स्कूल में दो-दो प्रशिक्षक रिक्रूट किए जाएंगे। स्कूल खुलने से तकरीबन प्रशिक्षकों की 700 पदों पर भर्ती निकलेगी। इन पाठ्यक्रमों को संचालित करने के लिए केंद्र सरकार ने बजट का प्रावधान किया है।
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भोपाल, भुवनेश्वर, दिल्ली और मुंबई के भरोसे वोकेशनल कोर्स प्रदेश में वोकेशनल कोर्स अन्य राज्यों की कंपनी के भरोसे है। स्कूलों को वोकेशनल कोर्स संचालित करने के लिए सेंटम नई दिल्ली, लर्नेट स्किल नई दिल्ली, आइसेक्ट भोपाल, तरंग भुवनेश्वर, इंडस एडुट्रेन मुंबई, लक्ष्य जाब स्किल बेंगलुरु, स्किल ट्री गुरुग्राम और विद्यांता स्किल गुरुग्राम कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है। इधर, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कक्षा छठवीं से व्यावसायिक शिक्षा की पढ़ाई कराने का प्रस्ताव है। इसके लिए केंद्रीय स्तर पर एनसीईआरटी, एआइसीटीई, यूजीसी और एनसीवीटी को मिलकर भविष्य का कौशल फ्रेमवर्क तैयार करने कहा गया है।
केंद्र की योजना के तहत प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा स्कूलों में वोकेशनल कोर्स शुरू करने की तैयारी है। हमने 350 और स्कूलों को इसमें शामिल करने का प्रस्ताव भेजा था। इसे मंजूर कर लिया गया है। सब ठीक रहा तो नए शैक्षणिक सत्र नए स्कूल खुल सकते हैं।
-अजय देशपांडे, प्रभारी, वोकेशनल कोर्स, समग्र शिक्षा