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स्थिति यह है कि उद्योगों से निकलने वाले फ्लाईऐश डस्ट को जगह-जगह डंप कर दिया जा रहा है। कुछ जगह तो अनुमति ली जा रही है, लेकिन कई ऐसे स्थान हैं, जहां अनुमति ही नहीं लिया जा रहा और फ्लाईऐश डंप कर दिया जा रहा है। इस तरह की स्थिति अधिकांश ग्रामीण क्षेत्राें में देखने को मिल रही है। गांव के आसपास बड़ी मात्रा में फ्लाईऐश डंप किए जाने से डस्ट उड़ कर गांव के रिहायशी क्षेत्र में तो पहुंच रहा है। इससे ग्रामीण की सेहत पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। वहीं खेत में भी डस्ट पहुंच रहा है। इससे ग्रामीणों की फसल भी प्रभावित हो रही है। खास कर इसमें सब्जी की फसल है। इसको लेकर जनप्रतिनिधि आश्वासन तो देते हैं, लेकिन यह आश्वासन तक ही सीमित रहता है। मतदाताओं का कहना है कि जो इन समस्याओं के निराकरण की पहल करेंगा ऐसे उम्मीदवार का चुनाव करेंगे।
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बेरोजगारी की समस्या नहीं हो रही कम ग्रामीणों का मानना है कि जिले में कई उद्योग हैं। जिले में जितने उद्योग लगे हैं, उस हिसाब से जिले में बेरोजगार नहीं होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है। जितने ज्यादा उद्योग लग रहे हैं उतनी ही बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है। इसका कारण ग्रामीण जनप्रतिनिधियों को बता रहे हैं। उनका मानना है कि जनप्रतिनिधियों के द्वारा स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए सार्थक पहल नहीं होती। इसकी वजह से इस तरह की स्थिति बनी हुई है। यह भी पढ़ें
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दिया जा रहा संरक्षण फ्लाईऐश को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि इसके डंपिंग के लिए नियम तय किए गए हैं, जहां भी अनुमति के साथ फ्लाईऐश डंप किया जाता है वहां मिट्टी भी पाटी जाती है, लेकिन अधिकांश स्थानों पर ऐसा नहीं किया जाता। परेशानी बढ़ जाती है। इस बात को लेकर कई बार शिकायत भी की जाती है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाती। कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करते हुए अवैध कार्य को संरक्षण ही दिया जाता है। यह भी पढ़ें
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लोगों की समस्याओं का निराकरण करने का वादा तो किया जाता है, लेकिन चुनाव के बाद भुला दिया जाता है। जनप्रतिनिधियों के द्वारा जो वादा किया गया है उसे पूरा पांच साल के अंदर ही करना चाहिए। मनबोध राठिया, ग्रामीण
ग्रामीण क्षेत्रों के सड़क की हालत खराब है। इसके निर्माण के लिए भी पांच साल तक पहल नहीं की गई। इससे आवागमन करने वाले लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। बारिश में यह समस्या बढ़ जाती है।
ग्रामीण क्षेत्रों के सड़क की हालत खराब है। इसके निर्माण के लिए भी पांच साल तक पहल नहीं की गई। इससे आवागमन करने वाले लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। बारिश में यह समस्या बढ़ जाती है।
मोहन चौहान, ग्रामीण
ग्रामीण क्षेत्र में उद्योग स्थापित हुए हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को ही रोजगार नहीं मिलता। इसके लिए जनप्रतिनिधि पहल नहीं करते। यदि इसमें पहल होती तो ग्रामीणों को रोजगार तलाशना नहीं पड़ता।
ग्रामीण क्षेत्र में उद्योग स्थापित हुए हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को ही रोजगार नहीं मिलता। इसके लिए जनप्रतिनिधि पहल नहीं करते। यदि इसमें पहल होती तो ग्रामीणों को रोजगार तलाशना नहीं पड़ता।
कपिल, ग्रामीण
क्षेत्र में फ्लाईऐश की समस्या है। नियम कानून दरकिनार करते हुए फ्लाईऐश डंप किया जाता है। ऐसी मनमानी पर कार्रवाई होना चाहिए। इन समस्याओं मुक्ति दिलाने की पहल जनप्रतिनिधियों को करना चाहिए।
क्षेत्र में फ्लाईऐश की समस्या है। नियम कानून दरकिनार करते हुए फ्लाईऐश डंप किया जाता है। ऐसी मनमानी पर कार्रवाई होना चाहिए। इन समस्याओं मुक्ति दिलाने की पहल जनप्रतिनिधियों को करना चाहिए।
मधुसूदन राठिया, ग्रामीण
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