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रायगढ़

आबंटन के अभाव में खंडहर हो गई दुकानें, शटर हो गए गायब और दीवार धंसी…

CG News: नगर निगम द्वारा पूर्व में लाखों रुपए खर्च कर ट्रांसपोर्टनगर में करीब चार से पांच दर्जन दुकानों का निर्माण कराया गया था, ताकि यहां सारंगढ़ बस स्टैंड शिफ्ट होने के बाद दुकानों का आबंटन किया जाएगा।

रायगढ़Nov 26, 2023 / 05:35 pm

चंदू निर्मलकर

आबंटन के अभाव में खंडहर हो गई दुकानें, शटर हो गए गायब और दीवार धंसी

आबंटन के अभाव में खंडहर हो गई दुकानें, शटर हो गए गायब और दीवार धंसी

रायगढ़। CG News: नगर निगम द्वारा पूर्व में लाखों रुपए खर्च कर ट्रांसपोर्टनगर में करीब चार से पांच दर्जन दुकानों का निर्माण कराया गया था, ताकि यहां सारंगढ़ बस स्टैंड शिफ्ट होने के बाद दुकानों का आबंटन किया जाएगा। करीब 10 साल बीत जाने के बाद न तो बस स्टैंड आबाद हो सका और न ही दुकानों की आबंटन हो सकी। इससे दुकानें खंडहर में तब्दील हो गई है।
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नगर निगम द्वारा शहर के कई क्षेत्रों में लाखों रुपए खर्च कर बड़ी संख्या में दुकानों का निर्माण कराया गया है। वर्षों बाद भी इन दुकानों का आबंटन नहीं हो पाने के कारण और देख-रेख के नहीं होने से सभी दुकानें खंडहर में तब्दील हो चुकी है। हालांकि कई क्षेत्र के दुकानों की मरम्मत के लिए भी बीच-बीच में राशि जारी होती है, लेकिन इसके बाद भी मरम्मत नहीं होने के कारण भारी-भरकम राशि का बंदबांट हो गया है।
ऐसे में करीब 10 साल पहले शहर के सड़कों की चौड़ीकरण के दौरान जूटमिल क्षेत्र में स्थित सारंगढ़ बस स्टैंड को यह कहकर ट्रांसपोर्टनगर में शिफ्ट किया गया कि यहां पूरी व्यवस्थित तरीके से बस स्टैंड बनेगा, जिससे जिला व जिले के बाहर जाने वाले यात्रियों को आसानी से बस की सुविधा मिलेगी। साथ ही इसके लिए ट्रांसपोर्टनगर में करीब चार से पांच दर्जन दुकानों का भी निर्माण कराया गया था, ताकि आबंटन होने के बाद निगम को अच्छा-खासा राजस्व का लाभ होगा, लेकिन इतने दिन बित जाने के बाद भी न तो बस स्टैंड आबाद हो सका और न ही इन दुकानों का आबंटन हो सका।
सामने में कचरा हो रहा डंप

ट्रांसपोर्टनगर में दुकानों के निर्माण का यह मकशद था कि जब बस स्टैंड पूरी तरह से आबाद हो जाएगा तब सभी दुकानें खुल जाएंगी, लेकिन बस स्टैंड आबाद नहीं होने के कारण दुकानें खंडहर हो गई, ऐसे में अब इन दुकानों के पास शहर के कचरे डंप होने लगा है, जिससे कई दुकानों में आसपास के कबाड़ चुनने वाले कब्जा कर लिए हैं। क्योंकि वहीं पर कचरा डंप होने के कारण पूरे दिन कचरे से कबाड़ चुनकर उसी में रखते हैं।
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दुकानों से शटर हो गए गायब

पूर्व में जब ट्रांसपोर्ट नगर में इन दुकानों का निर्माण कराया गया था तो इसमें लाखों रुपए खर्च कर शटर भी लगाया गया था, लेकिन आज की स्थिति में एक भी दुकान में शटर नहीं है, क्योंकि कुछ शटर सड़कर टूट गए हैं तो कुछ को आसमाजिक तत्वों द्वारा तोड़कर बेच दिया गया है। हालांकि पूर्व में कई बार शिकायत होने के बाद निगम द्वारा निरीक्षण भी किया गया था, लेकिन उसके बाद आगे किसी प्रकार की पहल नहीं किया गया, जिसके चलते अब ये दुकानें गिरने की स्थिति में पहुंच गई है।
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शाम होते ही ये जर्जर दुकानें शराबियों का अड्डा बन जाती हैं, जिससे देर रात तक नशे में हो-हल्ला का दौर चलता है। जिससे आसपास रहने वाले लोगों को भी परेशानी होती है।- सविता देवार, स्थानीय निवासी
यहां बस स्टैंड आबाद नहीं होने के कारण शाम के बाद सभी बसें बंद हो जाती है। जिसके बाद असमाजिक तत्वों का जमावड़ा होता है, जो देर रात तक गाली-गालौच का दौर चलता रहता है।- अनिल राम, स्थानीय निवासी
ट्रांसपोर्टनगर में शाम व रात में पुलिस गस्त भी नहीं होती, इस कारण यहां असमाजिक तत्व खुद के लिए एक सुरक्षित स्थान मानकर देर रात तक गाली-गलौच करते हैं, जिससे काफी दिक्कत होती है।- किशोरी बाई, स्थानीय निवासी
निगम द्वारा यहां रहने के लिए आवास उपलब्ध कराया गया है, लेकिन शाम के बाद वीरान की स्थिति हो जाने से महिलाओं को घर से निकलना मुश्किल हो जाता है।- विद्यावती, स्थानीय निवासी

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