निगरानी के साथ तेजी से हो रहा है निर्माण
इस रेल मार्ग के विस्तार का कार्य काफी तेजी से किया जा रहा है। इसके निर्माण में कहींं भी कोई चूक न होने पाए इसके लिए निगरानी दल व एजेंसियां भी पूरी तरह से काम कर रही हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि एक बार निर्माण होने के बाद आरओवी के ऊपर जंगल का स्वरूप दे दिया जाएगा तो उसके बाद उसे पुन: निर्माण करने में परेशानी आएगी। इसलिए इस तकनीकी के तहत काम किया जा रहा है, जिससे कि भविष्य में केवल सुधार की ही कवायद की जा सके।
आरओबी के नीचे से गुजरेंगी ट्रेनें, ऊपर से गुजरेगा हाथियों का दल
धरमजयगढ़ से कोरबा के लिए विस्तारित रेल लाइन में जंगली क्षेत्र में बनाए जा रहे पांचों आरओबी हाथी को देखते हुए बनाए जा रहे हैं। यह इस टेक्नोलॉजी से बनाए जा रहे हैं कि हाथियों को उनके विचरण के दौरान कहीं से कोई अवरोध न होने पाए। इससे हाथियों का दल जहां नीचे गुजरेगा वह आरओबी के ऊपर से ट्रेन गुजारी जाएगी तो जहां हाथियों का दल ऊचाई वाले क्षेत्र से गुजरेगा वहां ट्रेन को आरओबी के नीचे से गुजारा जाएगा। इससे ट्रेन हाथियों के विचरण में कहीं से भी अवरोधक नहीं बनेगी।
धरमजयगढ़ में तीन, रायगढ़ में बनेंगे दो आरओबी
वन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक कोरबा से लेकर धरमजयगढ़ को जोडऩे वाली इस रेल लाइन में कुल पांच एलीफैंट फ्रेंडली आरओबी व अंडर ब्रिज बनाए जा रहे हैं। इसमें तीन रेलवे ब्रिज धरमजयगढ़ में बनेंगे, जिसमें दो ओवर ब्रिज होंगे जो कि ३६९ आरएफ के धरमजयगढ़ और ४२० आरएफ क्रौंधा के पास बनेगा। इसके साथ ही यहां एक अंडर रेल ब्रिज बनेगा जिसमें रेल जमीन के नीचे से गुजरेगी। इसी तरह के दो रेल अंडर ब्रिज रायगढ़ वनमंडल के घरघोड़ा क्षेत्र में भी बनाए जा रहे हैं। इसके निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। इसमें अंडर ब्रिज का निर्माण पूरा हो गया है। वर्तमान में वहां नीचे रेलवे ट्रैक व ऊपर ब्रिज को मिट्टी से पाटने का कार्य चल रहा है। जैसे ही यह काम पूरा हो गया ब्रिज के ऊपर पेड़ पौधे लगा कर उसे जंगल का स्वरूप दिया जाएगा।