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रायगढ़

बारदानों की कमी से फिर से बढ़ सकती है परेशानी, मामले में अधिकारी ने कही ये बात

विदित हो कि धान खरीदी की नई नीति के अनुसार 50-50 के रेसियो में धान क्रय किया जाना है।

रायगढ़Oct 22, 2023 / 03:02 pm

चंदू निर्मलकर

रायगढ़. नवंबर माह के पहले दिन से ही जिले में धान खरीदी होनी है। जिले के 67 केंद्रों में होने वाली खरीदी के लिए प्रशासन भले ही पूरी तैयारी करने का दावा कर रही है, लेकिन सोसायटियों में देखा जाए तो बारदाने काफी कम मात्रा में पहुंचे है। इसके कारण शुरुआत में आवक तेज हुई तो खरीदी प्रभावित हो सकती है। विदित हो कि धान खरीदी की नई नीति के अनुसार 50-50 के रेसियो में धान क्रय किया जाना है।
50 प्रतिशत पुराने बारदाने तो 50 प्रतिशत नए बारदानों में धान खरीदी होना है। मार्कफेड ने इस बार धान खरीदी के लिए लक्ष्य के हिसाब से 28 हजार बारदाने की मांग की थी, जिसमें से 23 हजार गठान नए बारदानो जिले में आ चुके हैं। इसमें से 10 हजार गठान नव गठित जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के लिए भेजे गए हैं तो वहीं रायगढ़ के लिए 13 हजार गठान बारदाने सोसायटियों में भेजे जाने की बात कही जा रही है। वहीं मिलरों से लिए जाने वाले बारदाने में 500 गठान का डिलीवरी मेमो जारी किया गया है और पीडीएस दुकान से 2500 गठान का। जिले में जहां 13 हजार गठान नए बारदाने हैं तो वहीं 3 हजार गठान ही पुराने बारदाने अब तक की स्थिति में उपलब्ध हैं। इसको देखते हुए अगर नवंबर की शुरुआत से ही धान की आवक तेज हुई तो खरीदी प्रभावित हो सकती है।

कई सोसायटी में सिर्फ कागजों में बारदाना

सूत्रों की माने तो जिले के कई सोसायटियों में अभी साफ- सफाई व अन्य तैयारी न होने के कारण बारदानों को नहीं लिया गया है। सिर्फ कागजों में बारदाना वहां दिख रहा है। जबकि कुछ समितियो ंमें बारदाना पहुंचने की बात कही जा रही है।
खरीदी की मात्रा में भी हुई बढ़ोत्तरी

इस बार नए नियम के अनुसार प्रति एकड़ किसानों से 15 के बजाए 20 क्विंटल धान खरीदी होना है जिसके कारण धान खरीदी का आकड़ा बढ़ेगा, इस हिसाब से बारदाने भी अधिक संख्या में लगेंगे। हालांकि संबंधित विभाग इसके लिए तैयार होने का दावा कर रह है।
आंकड़ों में बारदाने
नए बारदाने 13 हजार

पीडीएस से 2500

मिलर से 500

बारदानों की मांग की गई थी। रायगढ़ के लिए 13 हजार गठान नए बारदाने आ चुके हैं, पुराने 3000 हैं। पीडीएस व मिलरों से पुराने बारदाने की मांग की गई है।
प्रवीण पैंकरा, डीएमओ मार्कफेड

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