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CG Electric Vehicle: परिवहन विभाग में पंजीकृत इलेक्ट्रिक व्हीकल की संख्या अप्रैल 2021 से लेकर जून 2024 तक की स्थिति में 3 हजार 153 है। उक्त गाड़ियां परिवहन विभाग में रजिस्टर्ड होने के बाद जिले के सड़कों में दौड़ रही है, लेकिन इन गाड़ियों को चलाने में एक समस्या यह आ रही है कि कहीं भी चार्जिंग स्टेशन नहीं है। ऐसी स्थिति में गाड़ी की बैटरी अगर कहीं पर खत्म हो जाए तो इसे पैदल चलकर घर लाने के अलावा अन्य कोई उपाय नहीं है। बताया जाता है कि कई लोगों के साथ ऐसा हुआ भी है। शासन भी कंपनियों द्वारा चार्जिंग स्टेशन चालू कराने के लिए सख्त रवैय्या अपनाते हुए नहीं दिख रही है। जिसका खामियाजा ऐसे वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है जो इलेक्ट्रिक व्हीकल लेकर घुम रहे हैं।CG Electric Vehicle: सब्सिडी के नाम पर भी खानापूर्ति
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए इसमें शासन ने सब्सिडी रखा हुआ है। क्रेता को व्हीकल के बेसिक दर का 10 प्रतिशत राशि सब्सिडी के रूप में मिलना है, लेकिन अब तक देखा जाए तो 3153 वाहनों में से 206 वाहनों के लिए सब्सिडी जारी हुआ है।गाड़ियां तो बिक रहीं, लेकिन सुविधाओं के नाम पर अब तक कोई पहल नहीं
पर्यावण संरक्षण को लेकर इलेक्ट्रिक व्हीकल को सरकार प्रोत्साहित कर रही है। जिले में अब तक की स्थिति में 3 हजार से अधिक इलेक्ट्रिक व्हीकल रजिस्टर्ड हो चुकी है, लेकिन जिले में एक भी चार्जिंग स्टेशन नहीं है और न ही चार्जिंग स्टेशन के लिए कोई पहल किया जा रहा है। इलेक्ट्रिक व्हीकल के नाम पर जिले में अभी अधिक संख्या दोपहिया वाहन का परिचालन हो रहा है। इसके बाद दूसरे नंबर पर आटो संचालित है। इलेक्ट्रिक आटो चलाने वाले लोग सवारी लेकर दो ट्रीप मारने के बाद गाड़ियों की बैटरी समाप्त होने लगती है। जिसके कारण आटो चालकों को तीसरे फेरा के लिए या तो घर जाकर चार्जिंग करना पड़ता है इसके कारण आटो चालक परेशान होते हैं।