उक्त हाथियों के दल ने तेंदूमुड़ी क्षेत्र में दो किसानों की सफल को रौंदते हुए बर्बाद कर दिया। सुबह जब मामले की जानकारी ग्रामीणों को लगी तो इसकी सूचना वन विभाग को दी। वहीं दूसरी ओर धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि चार दिन पहले की अपेक्षा इस वन मंडल में हाथियों की संख्या 29 रह गई है, लेकिन छाल रेंज में ही हाथियों ने 39 किसानों की फसल को रौंदते हुए बर्बाद कर दिया। हाथियों ने सबसे ज्यादा नुकसान नवापारा, चीतापारा, पुसल्दा व बेहरामुड़ा में पहुंचाया है। यहां किसानों की सफल को जहां बर्बाद किया गया है। वहीं सिंचाई करने के लिए बिछाए गए पाइप लाइन को भी हाथियों ने क्षतिग्रस्त किया है।
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बाकारूमा में विचरण कर रहा 9 हाथियों का दल धरमजयगढ़ वन मंडल के बाकारूमा में भी 9 हाथियों का का दल विचरण कर रहा है। इसके अलावा धरमजयगढ़ रेंज के चैनपुर में एक हाथी विचरण कर रहा है। इस हाथी ने भी चैनपुर के एक किसान की सफल को बर्बाद किया है। वहीं मदनपुर क्षेत्र में दो हाथियों का दल विचरण कर रहा है। हाथियों को लेकर प्रभावित गांव के लोगों में अनहोनी की आशंका को लेकर भय की स्थिति देखी जा रही है। नुकसान का किया जा रहा आंकलन वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मामले की जानकारी मिलने के बाद विभागीय टीम मौके पर पहुंची थी। वहीं नुकसान का आंकलन करते हुए प्रक्रिया आगे बढ़ा दी है। वहीं विभागीय अधिकारियों का कहना है कि हाथियों पर लगातार नजर रखी जा रही है। हाथियों के संभावित स्थान जाने की संभावना को देखते हुए पहले से ही ग्रामीणों को मुनादी के माध्यम से अलर्ट करने के लिए जागरूक किया जाता है।
रात में जंगल नहीं जाने की दे रहे हिदायत वैसे तो धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों की संख्या अधिकांश समय अधिक रहती है। कभी कभी ही इस तरह की स्थिति बनती है, जब धरमजयगढ़ की अपेक्षा रायगढ़ वन मंडल में हाथियों की संख्या अधिक हो। मौजूदा समय में धरमजयगढ़ में 29 तो रायगढ़ में 59 हाथियों की संख्या है। इस बात को लेकर विभागीय अधिकारी भी अलर्ट मोड पर है। प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को हिदायत दी जा रही है कि वे रात में जंगल नहीं जाएं।