गंगा-यमुना उफान पर, खतरे के निशान के करीब जलस्तर, बाढ़ के चपेट में 100 से अधिक गांव, सड़कों पर चलने लगी नाव
शहरी इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से 50 हजार से अधिक परिवार बाढ़ शिविर में ठिकाना बना लिया है। इसके साथ ही बाढ़ की स्थिति देखते हुए जिला प्रशासन ने 98 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया है और 15 राहत शिविर को सक्रिय किया है। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में अलर्ट जारी करते हुए एनडीआरएफ के जवानों की तैनाती कर दी गई है। बाढ़ में फसे लोगों को सुरक्षित जगह भेजा जा रहा है।
गंगा-यमुना उफान पर, खतरे के निशान के करीब जलस्तर, बाढ़ के चपेट में 100 से अधिक गांव, सड़कों पर चलने लगी नाव
प्रयागराज: गुरुवार की सुबह से ही गंगा-यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली से आ रहे पानी से यमुना उफान पर है। ऐसे में दोनों नदिया दोपहर 1 बजे तक खतरे का निशान पार करने की तरफ बढ़ गई हैं। गंगा-यमुना में जलस्तर बढ़ने से प्रयागराज चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिर गया है। जिसकी वजह से दो दर्जनों से अधिक गांवों का संपर्क टूट गया है और 100 से अधिक गांव बाढ़ के चपेट से आ गए हैं। शहरी इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से 50 हजार से अधिक परिवार बाढ़ शिविर में ठिकाना बना लिया है। इसके साथ ही बाढ़ की स्थिति देखते हुए जिला प्रशासन ने 98 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया है और 15 राहत शिविर को सक्रिय किया है। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में अलर्ट जारी करते हुए एनडीआरएफ के जवानों की तैनाती कर दी गई है। बाढ़ में फसे लोगों को सुरक्षित जगह भेजा जा रहा है।
जाने गंगा-यमुना का जलस्तर प्रयागराज में गंगा-यमुना के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। गुरुवार की सुबह से ही दोनों नदियों में पानी की बढ़ोत्तरी शुरू है। 25 अगस्त को दोपहर 12 बजे तक दोनों नदियों में जलस्तर में बढ़ोत्तरी आई है। गंगा-यमुना खतरे के निशान को पार करने की तरफ बढ़ गई है। गंगा का जलस्तर 83.87 मीटर व यमुना जा जलस्तर 83.80 मीटर रिकॉर्ड किया गया है। जिले में खतरे का निशान 84.73 मीटर पर हैं। अगर इसी रफ्तार से दोनों नदिया बढ़ती रही तो खतरे का निशान पर कर जाएंगी। अभी भी दोनों नदिया खतरे के निशान से 1 सेंटीमीटर नीचे बह रही हैं।
कुछ देरी में खतरे का निशान पार कर जाएंगी दोनों नदिया जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए संभावना जताया है कि देर शाम तक दोनों नदिया खतरे का निशान पार कर जाएंगी। तटीय क्षेत्रों में व्यवस्था बनाई जा रही है। बाढ़ क्षेत्रों में फसे लोगों को राहत शिविर लाया जा रहा है।
इन जगहों से आ रहा है गंगा-यमुना में पानी प्रयागराज जिलाधिकारी संजय खत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार की सुबह से छोटे गए पानी का असर प्रयागराज की दोनों नदियों में दिखने लगा है। केन नदी से 3.5 लाख क्यूसेक, बेतवा से चार लाख क्युसेट, चंबल नदी का पानी धौलपुर बांध से 9 लाख क्यूसेट पानी, हथनीकुंड बैराज बांध से 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इस वजह गंगा-यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने की रफ्तार तेज हो गई है। इसके अलावा उत्तरखंड में हो रही बारिश की वजह से हरिद्वार व कानुपर बैराज व नरोरा बांध से 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
बारिश होने पर हालात होंगे बेकाबू प्रयागराज में बाढ़ आने से कछारी इलाको में पानी पहुंच गया है। गांवों में आवागमन करने वाले रास्ते गए हैं और आवागमन बाधित हो गया है। बाजार जाने के लिए ग्रामीणों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। बाढ़ नियंत्रण खंड के अनुसार अगर प्रयागराज में बारिश हुई तो स्थिति और भयानक होगी।
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