रईस चंद्र अब सपा को छोड़कर दोबारा बीजेपी का थामन थाप लिया है। रईस चंद्र पहले बीजेपी के नेता रहे हैं। 2022 विधानसभा चुनाव में वह बीजेपी से टिकट मांग रहे थे लेकिन नंदी के सामने उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिला। इसके बाद वह बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो गए और उन्होंने नंदी के खिलाफ चुनाव लड़े।
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नंदी अपनी पार्टी की नेताओं के खिलाफ भड़के
रईस चंद्र के बीजेपी में शामिल होने के बाद नंदी गोपाल नंदी ने की तीखी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने लिखित में बयान जारी करके कहा, “स्थानीय विधायक की अवहेलना और उपेक्षा की गई है। विपक्षी उम्मीदवार को पार्टी जॉइन कराना बेहद गंभीर प्रकरण है और गहरी साजिश है।” नंद गोपाल नंदी ने कहा कि पार्टी के लोकतांत्रिक मूल्यों में गहरी आस्था के सिद्धांत के खिलाफ ये फैसला लिया गया है, जो लोग पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चलाना चाहते हैं, और अपनी हठधर्मिता से पार्टी को लगातार पहुंचा रहे हैं उनकी घोर निंदा करता हूं। उन्होंने कहा कि ये रवैया पार्टी की मूल वैचारिकी और कार्य पद्धति के खिलाफ है।
बीजेपी में शामिल होने के बाद क्या बोले रईस ?
सपा नेता रईस चंद्र शुक्ला ने बीजेपी में शामिल होने के बाद बोले अच्छे काम के लिए किसी से पूछा नहीं जाता। उन्होंने आगे कहा कि वह और उनके पिता से लंबे से संगठन में रहे हैं। केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार ने विकास के लिए जितना काम किया, खासकर प्रयागराज। उतना किसी पार्टी ने अभी तक नहीं किया है।
सपा नेता रईस चंद्र शुक्ला ने बीजेपी में शामिल होने के बाद बोले अच्छे काम के लिए किसी से पूछा नहीं जाता। उन्होंने आगे कहा कि वह और उनके पिता से लंबे से संगठन में रहे हैं। केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार ने विकास के लिए जितना काम किया, खासकर प्रयागराज। उतना किसी पार्टी ने अभी तक नहीं किया है।
उन्होंने आगे कहा कि वह आज भी ज्वाला देवी इंटर कॉलेज के अध्यक्ष हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी के समय से पार्टी का जुड़ाल रहा है। वह आज एक बार फिर से पार्टी में शामिल हो रहे हैं।
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कौन हैं रईस चंद्र शुक्ला?रईस चंद्र शुक्ला का जन्म इलाहाबाद में हुआ है। उनकी उम्र 61 है। 2022 विधानसभा चुनाव में रईश चंद्र शुक्ला सपा के टिकट पर इलाहाबाद दक्षिण से चुनाव लड़े थे। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले वह बीजेपी के लंबे समय तक संगठन से जुड़े हुए थे। 2022 विधानसभा चुनाव में वह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला।
इसके बाद वह बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो गए। सपा ने जब उनका टिकट फाइनल किया तब भी उनके खिलाफ सपा के नेताओं ने मोर्चा खोल दिया था। सपा के नेता आरोप लगाते थे कि वह बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं। फिलहाल पार्टी में गुजबाजी और अंर्तकलह की वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
दर्ज नहीं है एक भी आपराधिक मामले
2022 विधानसभा चुनाव में दायर की गई हलफनामे के मुताबिक उनकी कुल घोषित संपत्ति 10.1 करोड़ रुपये है। जिसमें 1.3 करोड़ रुपये चल संपत्ति और 8.7 करोड़ रुपये अचल संपत्ति है। उनकी कुल घोषित आय 46.9 लाख रुपये है। जिसमें से 11.6 लाख रुपये स्वयं की आय है। रईश चंद्र शुक्ला की कुल लोन 2.8 करोड़ रुपये है। चुनावी हलफनामे में उनके खिलाफ एक भी आपराधिक मामले दर्ज नहीं है।
2022 विधानसभा चुनाव में दायर की गई हलफनामे के मुताबिक उनकी कुल घोषित संपत्ति 10.1 करोड़ रुपये है। जिसमें 1.3 करोड़ रुपये चल संपत्ति और 8.7 करोड़ रुपये अचल संपत्ति है। उनकी कुल घोषित आय 46.9 लाख रुपये है। जिसमें से 11.6 लाख रुपये स्वयं की आय है। रईश चंद्र शुक्ला की कुल लोन 2.8 करोड़ रुपये है। चुनावी हलफनामे में उनके खिलाफ एक भी आपराधिक मामले दर्ज नहीं है।
रईस के पार्टी में शामिल होने से क्यों नाराज है नंदी?
बीजेपी में किसी भी राजनीतिक दल को कोई भी नेता ज्वाइन करता है तो कोई पार्टी का कोई नेता कुछ नहीं बोलता है। लेकिन रईस के बीजेपी में शामिल होने से नंदी नाराज हो गए हैं। इसकी पीछे की वजह से राजनीतिक। रईस नंदी के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं और पार्टी के संगठन के लिए काफी समय तक काम भी किया है। नंदी को लगता है कि रईस के आने से उनकी पहुंच पार्टी तक पहुंच कम हो जाएगी।
बीजेपी में किसी भी राजनीतिक दल को कोई भी नेता ज्वाइन करता है तो कोई पार्टी का कोई नेता कुछ नहीं बोलता है। लेकिन रईस के बीजेपी में शामिल होने से नंदी नाराज हो गए हैं। इसकी पीछे की वजह से राजनीतिक। रईस नंदी के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं और पार्टी के संगठन के लिए काफी समय तक काम भी किया है। नंदी को लगता है कि रईस के आने से उनकी पहुंच पार्टी तक पहुंच कम हो जाएगी।
बता दें कि नंद गोपाल नंदी योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। उनकी पत्नी अभिलाषा प्रयागराज से लगातार दो बार महापौर रही हैं। नंदी चाहते थे कि पार्टी इस बार भी उनकी पत्नी अभिलाषा को टिकट दें और तीसरी बार मैदान में हो। लेकिन बीजेपी ने उनकी टिकट काटकर गणेश केसरवानी को दे दिया। इससे नंदी के मन में कुछ मनमुटाव हो गया। इसके बाद उन्होंने रईस के पार्टी में शामिल होने पर खुलकर नाराजगी जाहिर की।