2013 का टूटेगा रिकॉर्ड लगातार बढ़ रहे गंगा-यमुना के जलस्तर से जिला प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। इस तरह से जलस्तर बढ़ता रहा तो 2013 में आईं बाढ़ का रिकॉर्ड टूट जाएगा। दोनों नदियों में लगातार जलस्तर में वृद्धि हो रही है। 27 अगस्त को सुबह से ही दोनों नदियों में जलस्तर में बढ़ोत्तरी आई है। गंगा-यमुना खतरे के निशान को पार कर गई हैं। गंगा का जलस्तर 85. 29 मीटर व यमुना जा जलस्तर 85.29 मीटर रिकॉर्ड किया गया है। जिले में खतरे का निशान 84.73 मीटर पर हैं। जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए जानकारी दी है कि नदियों का जलस्तर अभी में बढ़ोत्तरी होगी। ऐसे में 2013 का रिकॉर्ड टूटने की संभावना बनी है।
इन जगहों से आ रहा है गंगा-यमुना में पानी प्रयागराज जिलाधिकारी संजय खत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार की सुबह से छोटे गए पानी का असर प्रयागराज की दोनों नदियों में दिखने लगा है। केन नदी से 3.5 लाख क्यूसेक, बेतवा से चार लाख क्युसेट, चंबल नदी का पानी धौलपुर बांध से 9 लाख क्यूसेट पानी, हथनीकुंड बैराज बांध से 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इस वजह गंगा-यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने की रफ्तार तेज हो गई है। इसके अलावा उत्तरखंड में हो रही बारिश की वजह से हरिद्वार व कानुपर बैराज व नरोरा बांध से 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
एनडीआरएफ और पुलिस की टीम तैनात शुक्रवार को जलस्तर में बढ़ोत्तरी को देखते हुए कई इलाकों में एनडीआरएफ और पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। शहर के 40 इलाके और 120 गांव बाढ़ के चपेट में आ गए हैं। बाढ़ में फसे 50 हजार लोग शनिवार को बाढ़ शिविर में ठिकाना बना लिया है। पुलिस बल और एनडीआरएफ के जवानों द्वारा पानी में फसे लोगों को घर से सुरक्षित जगह पहुंचाने का सिलसिला जारी है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 270 नावों और 23 स्टीमर संचालित की जा रही हैं।
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